कुंदन कुमार, पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। आज पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला।

नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार की जनता आज भी राजद के 15 वर्षों के “जंगलराज” को याद कर सिहर उठती है। उन्होंने कहा कि उस दौर में अपहरण, हत्या और नरसंहार आम बात थी और अपराधियों को सीधे राजनीतिक संरक्षण मिलता था।

“अपहरण एक उद्योग बन गया था”

नित्यानंद राय ने दावा किया कि राजद के शासनकाल (1990-2005) में 32,000 से अधिक अपहरण की घटनाएं दर्ज हुई थीं। यह कोई आरोप नहीं, बल्कि सरकारी आंकड़े हैं। उस समय बिहार में अपहरण एक उद्योग बन चुका था।उन्होंने आगे आरोप लगाया कि हत्याओं की संख्या लाखों में थी, लेकिन FIR तक दर्ज नहीं की जाती थी। पुलिस कर्मियों को मारा जाता था और आम लोग, विशेषकर गरीब, डर के साये में जीते थे।

“59 नरसंहार हुए थे, क्या यह जंगलराज नहीं था?”

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राजद शासनकाल में 59 से अधिक नरसंहार हुए थे, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं थी। उन्होंने कहा कि उस दौर में बच्चों को स्कूल भेजने से मां-बाप डरते थे। गरीबों को बूथों पर मतदान करने से रोका जाता था। कानून का राज नहीं, अपराधियों का राज था।

“बच्चों के अपहरण पर अटल जी तक बोले थे”

राय ने याद दिलाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी लालू राज में बढ़ते अपराध पर चिंता जताई थी। उन्होंने संसद में कहा था कि ‘किसलय को लौटा दो’ — यह दर्शाता है कि किस हद तक बिहार में अपहरण की घटनाएं बढ़ चुकी थीं।

“लालू यादव के घर से मिलता था अपराधियों को संरक्षण”

उन्होंने आरोप लगाया कि राजद शासन के दौरान अपराधियों को लालू यादव के घर से संरक्षण मिलता था और पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ थी।

“तेजस्वी यादव, तुम्हारी खैर नहीं”- तीखी चेतावनी

तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि राजद के लोग फिर से जंगलराज लाना चाहते हैं। लेकिन इस बार जनता उन्हें सबक सिखाएगी। तेजस्वी यादव तुम्हारी खैर नहीं है, बिहार की जनता चुनाव में तुम्हें धूल चटा देगी।

“2020 के चुनाव में दो दिन तक बिहार डरा हुआ था”

2020 विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब आखिरी चरण का मतदान 7 नवंबर को हुआ था, तो उसके बाद के दो दिन बिहार में आरजेडी के गुंडों का तांडव देखा गया था। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को लगा कि वे मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, इसलिए उन्होंने डर और हिंसा का माहौल बनाया। बिहार दो दिन तक न खा पाया, न सो पाया।

तेजस्वी को सीधी चुनौती

प्रेस वार्ता के अंत में नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव को खुली चुनौती दी कि अगर आपमें हिम्मत है, तो सच को स्वीकार करो और चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी करो। जनता सब जानती है और जवाब भी देगी।

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