शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप कांड से किडनी फेल और बच्चों की मौत का मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है। वहीं प्रदेश में भी सरकार ने इस मामले में एक्शन मोड पर है। इस बीच पर्चा लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर जिले के कई मेडिकल स्टोर पर छापामार कार्रवाई की और डॉक्टर प्रवीण का ‘न्यू अपना फार्मा’ सील कर दिया। 

एमपी सरकार ने 14 बच्चों को दी 4-4 लाख की सहायता राशि

लगातार मेडिकल स्टोर के रिकॉर्ड की जांच जारी और संदिग्ध दवाईयो की सैंपलिंग जारी है। प्रदेश सरकार की ओर से 14 बच्चों को सहायता राशि स्वीकृत की गई है। सभी बच्चों को चार-चार लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की गई है। पीड़ितों में परासिया क्षेत्र के 11 बच्चे, चौरई क्षेत्र का एक बच्चा और छिंदवाड़ा के दो बच्चे शामिल हैं। वर्तमान में इलाजरत आठ बच्चे नागपुर में, एक बच्चा एम्स में और तीन बच्चे निजी अस्पताल में भर्ती हैं। प्रशासन ने इलाजरत बच्चों की सहायता के लिए तीन टीम बनाई है।

डॉक्टर अरेस्ट

किडनी इन्फेक्शन से 11 बच्चों की मौत पर सात बच्चों का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी और दवा कंपनी श्रेयन फार्मास्यूटिकल पर मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। अभी तक की जांच में कोल्ड्रिफ सिरप को मिलावटी पाया गया  बाकी दोनों सीरप के नमूने जांच में सही पाए गए। 

सरकारी डॉक्टर निजी क्लिनिक में कर रहे थे इलाज

बता दें कि परासिया सिविल अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी 15 दिन के अवकाश पर थे और अपने निजी क्लीनिक में बच्चों का इलाज कर रहे थे। किडनी इन्फेक्शन से जिन 10 बच्चों की मौत हुई है उनमें से 7 बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीन सोनी के क्लीनिक में हुआ था। सभी को कोल्डरिफ और नेस्ट्रो डीएस दवाइयां दी गई थीं। डॉक्टर के क्लीनिक के बाजू में ही उनकी पत्नी “अपना मेडिकल” के नाम से मेडिकल स्टोर चलाती हैं, जहां से दवाइयां बेची गई थीं। 

SDM ने कही ये बात

परासिया एसडीएम शुभम कुमार यादव ने बताया है कि 10 में से 7 बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीन सोनी के निजी क्लीनिक में किया गया था। वह काफी अनुभवी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं।  ज्यादातर लोग उनके पास इलाज करने जाते हैं।

डॉक्टर बोले- हर दिन 200 बच्चे इलाज के लिए आते हैं

डॉक्टर प्रवीन सोनी का कहना है कि वह कहीं बाहर जाने वाले थे लेकिन अचानक उनका प्रोग्राम रद्द हो गया। मौसमी बीमारी के मरीज उनके पास आ रहे थे तो वे उनका इलाज कर रहे थे। उनके पास हर दिन 100 से 200 बच्चे इलाज के लिए आते हैं। जिनमें से अधिकतर को वे यही सिरप लिख रहे थे। 

‘दवाइयों में गड़बड़ी तो मैं जिम्मेदार नहीं’

डॉक्टर प्रवीन सोनी ने बताया कि वे करीब 40 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। जिसमें से 15 सालों से सर्दी, जुकाम और बुखार के लिए बच्चों को लगातार ये दवाइयां देते आ रहे हैं। लेकिन ऐसा मामला कभी नहीं आया है। अगर दवाई में कोई मिलावट है तो इसके लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि आखिर इन दवाइयां में क्या गड़बड़ी है।

ड्रग इन्स्पेक्टर का बयान

छिन्दवाड़ा ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा ने बताया “दो सिरप के स्टॉक को बैन किया गया है, जो जबलपुर के कटारिया फार्मा से छिंदवाड़ा के तीन फार्मा की दुकानों को सप्लाई किया गया था। coldrif सिरप की 660 बोतल दवाइयां के स्टॉक में से 594 छिंदवाड़ा की तीन फार्मा दुकानों को भेजा गया था। छिंदवाड़ा की तीनों फार्मा के पास से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जब्त की गई है।’

डॉ. प्रवीण सोनी के समर्थन में उतरे चिकित्सक संघ के पदाधिकारी

कफ सिरप कांड में डॉक्टर प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी के बाद चिकित्सक संघ के पदाधिकारी उनके समर्थन में उतर गए हैं। कल सुबह 8:00 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहने और चिकित्सा सेवाएं रोकने की चेतावनी दी गई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एसडीएम और पुलिस को ज्ञापन सौंप कर यह चेतावनी दी है कि डॉक्टर दवाई की क्वालिटी के बारे में जवाबदार नहीं होता। यह काम ड्रग विभाग का होता है। इसलिए डॉक्टर प्रवीण सोनी पर की  जा रही कार्रवाई गलत है। इंडियेन मेडिकल एसोसिएशन की परासिया इकाई ने चेतावनी दी है कि अगर प्रवीण सोनी पर की गई कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जाती है तो कल सुबह 8:00 बजे से तमाम चिकित्सा सुविधा बंद कर दी जाएगी।

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