प्रशांत सिंह, जांजगीर-चांपा। जिले के देवरहा गांव में एक निर्माणाधीन राइस मिल के कारण गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पानी निकासी के स्थान को राइस मिल के मालिक द्वारा डस्ट डालकर रोक देने से गांव के 20 से अधिक किसानों का धान तबाह हो गया है और खेत जलमग्न हो गया है। ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार मौके पर पहुंची लेकिन ग्रामीणों द्वारा फसल के मुआवजे की मांग किए जाने पर उल्टे पांव लौट गई। इधर विधायक ब्यास कश्यप ने भी ग्रामीणों की फसल खराब होने का कारण राइस मिल संचालक और जिला प्रशासन द्वारा शिकायत की अनदेखी करने को बताया और किसानों को मुआवजा देने की मांग की।

जांजगीर-चांपा जिले के उदयबंद ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम देवरहा के किसान राइस मिल के संचालक की मनमानी से तंग आ गए हैं। राइस मिल के संचालक द्वारा पहले ग्रामीणों को बहला कर गांव में कॉलेज चलाने के लिए जमीन खरीदी गई और अब उस जमीन में राइस मिल स्थापित कर रहा है। बारिश के पानी जिस शासकीय भूमि से निकलता था, उसमें भी फ्लाई ऐश डाल कर पानी निकासी बंद कर दी गई।

शिकायतों की अनदेखी

तीन महीने पहले ग्रामीणों ने अपने खेतों से पानी निकासी की मांग को लेकर कलेक्टर और विधायक से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने उस स्थान से नाली बनाने के बजाय मुख्यमंत्री सड़क योजना की सड़क को खोद कर खाना-पूर्ति की। लेकिन उसका कुछ खास फायदा ग्रामीणों को नहीं हुआ और खेत में धान की एक बाली भी नहीं हुई है। इस कारण ग्रामीण मुआवजा की मांग कर रहे हैं।

तहसीलदार पहुंचे, लेकिन मुआवजे की बात सामने आते ही वापस लौटे

ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार भी देबरहा गांव पहुंचे और ग्रामीणों से राइस मिल के लिए हाई टेंशन लाइन बिजली खंभा और नया ट्रांसफार्मर लगाने के लिए चर्चा करने लगे, जिससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने तहसीलदार से फसल बर्बाद होने पर मुआवजा की मांग की और अधिकारी वहां से चले गए।

विधायक ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

इधर विधायक ब्यास कश्यप ने भी ग्रामीणों के फसल बर्बाद होने का मुख्य कारण जिला प्रशासन की लापरवाही को बताया और कहा कि अगर पहले पानी निकासी की व्यवस्था कर लेते तो ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होने का दावा किया।

ग्रामीणों ने आंदोलन की दी चेतावनी

देवरहा गांव में राइस मिल के मालिक से इस विषय में जानकारी चाही गई लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। राइस मिल संचालक द्वारा ग्रामीणों से गलत बर्ताव किए जाने के कारण गांव में तनाव की स्थिति है और ग्रामीण अपने फसल का मुआवजा नहीं मिलने और खेतों से पानी निकासी की पूरी व्यवस्था नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।