वीरेंद्र गहवई, रायपुर। कारोबारी हेमंत चंद्राकर ने ईडी अधिकारी पर पूछताछ के नाम पर मानसिक प्रताड़ना और मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस मामले में आज सोमवार को हाइकोर्ट ने सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष से कहा कि अपना बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराएं. साथ ही ईडी अधिकारी (आरोपी) के खिलाफ वे एक आवेदन दाखिल करने और मेडिकल जांच के लिए भी एक आवेदन पेश करने की निर्देश दिए हैं.


बता दें, हेमंत ने कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दी थी कि ईडी उनपर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य लोगों के खिलाफ गवाही देने का दबाव बना रही है. यह मामला आज हाईकोर्ट में पहुंच गया. ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और सौरभ पांडे ने पक्ष रखा. जबकि हेमंत चंद्राकर (याचिकाकर्ता) की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और गगन तिवारी ने की पैरवी की.
हाइकोर्ट ने दोनों पक्षों ने दलीलें सुनीं. हेमंत के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के साथ मारपीट की गई है. वहीं ईडी की तरफ से कहा गया कि कोई थर्ड डिग्री टॉर्चर नहीं किया गया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ED के वकील का बयान रिकॉर्ड कराया.
बता दें, राजधानी के रोहणीपुरम स्थित कंचनगंगा कॉलोनी के निवासी हेमंत चंद्राकर ने पुलिस को दिए अपनी लिखित शिकायत में बताया कि वह 29 सितंबर को सुबह 10.30 बजे प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर कार्यालय में पूछताछ के लिए गया था. पूछताछ रात 8.30 बजे तक चला, जिसके बाद मुझे अगले दिन फिर से आने को कहा.
चंद्राकर ने आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने के साथ मानसिक तौर पर दबाव डाला कि वह यह स्वीकार करे कि भूपेश बघेल के लोग विजय भाटिया, रामगोपाल अग्रवाल, आशीष वर्मा, मंदीप चावला और उनके एजेंट आदित्य अग्रवाल, शाश्वत जैन, किशोर चंद्राकर, सतपाल सिंह छाबड़ा को कमीशन देकर कार्य किया गया है.
इसके अलावा कांग्रेसी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि ईडी अधिकारी ने उनके साथ-साथ उनके परिवार पर भी अवैधानिक तरीके से बयान देने का दबाव बनाया. कांग्रेसी नेता ने थाना प्रभारी से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करते हुए संबंधित अधिकारी के खिलाफ विधिसम्मत उचित कार्रवाई की मांग की है.
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