अमित पांडेय, खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर स्थित ग्राम सर्रागोंदी में रातों-रात भगवान हनुमान का स्थान माना जाने वाले एक पीपल पेड़ को काट दिया गया. इस घटना से हिंदू धर्म के लोगों में भारी आक्रोश भर गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह काम गोलबाजार निवासी इमरान मेमन ने करवाया है.


बता दें, ग्रामीण सालों से इस पेड़ को भगवान हनुमान का देवस्थल मानकर पूजते थे. लेकिन बीती रात अज्ञात व्यक्तियों द्वारा इसे काट दिए जाने से गांव का माहौल गरमा गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह कार्य खैरागढ़ के गोलबाजार निवासी इमरान मेमन ने करवाया है, जिनकी जमीन उसी स्थान के पास है. लेकिन पीपल वृक्ष सरकारी भूमि पर था और गांव की धार्मिक परंपरा से जुड़ा हुआ था.
हर वर्ष गांववाले घोड़ा देव की पूजा-अर्चना के बाद इसी वृक्ष की परिक्रमा करते थे. लोगों का विश्वास था कि इस पीपल में भगवान विष्णु, ब्रह्मा, शिव और देवी लक्ष्मी का वास है. 5 अक्टूबर की सुबह भी आरोपी ने वृक्ष कटवाने की कोशिश की थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया. इसके बावजूद रात के सन्नाटे में वृक्ष को पूरी तरह काट दिया गया.
सुबह जब लोगों ने पूजनीय वृक्ष का ठूंठ देखा, तो पूरे गांव में गुस्से की लहर दौड़ गई. देखते ही देखते सैकड़ों ग्रामीण घटनास्थल पर जुट गए और नारेबाजी करने लगे. उनका कहना था कि यह घटना न केवल आस्था पर चोट है बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की सोची-समझी कोशिश है. स्थिति तनावपूर्ण होती देख खैरागढ़ पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को शांत कराया. पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और जांच शुरू कर दी है. ग्रामीणों ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा कि यह स्थान उनके पूजा-अर्चना का केंद्र था. उन्होंने मांग की है कि वृक्ष कटवाने वाले इमरान मेमन पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और उसी स्थान पर हनुमान मंदिर का निर्माण कराया जाए. उनका कहना है कि पहले से विरोध जताने के बावजूद वृक्ष को दोबारा काटने का प्रयास करना स्पष्ट रूप से धार्मिक दुर्भावना से प्रेरित कृत्य है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल वृक्ष को देवताओं का निवास माना जाता है. कहा जाता है कि इसकी जड़ों में भगवान विष्णु, तने में ब्रह्मा, पत्तों में हरि और फलों में सभी देवताओं का वास होता है. श्रीकृष्ण ने स्वयं गीता में कहा है कि “वृक्षों में मैं पीपल हूं.” इसी कारण यह वृक्ष हिंदू समाज में अत्यंत पूजनीय और पवित्र माना गया है. फिलहाल पुलिस बल गांव में तैनात है और जांच जारी है. ग्रामीणों की ओर से दी गई शिकायत के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं. लोगों का कहना है कि यदि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. पुलिस ने बताया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे.

- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें