भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनावों के अलावा जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मिजोरम व राजस्थान सहित सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव आयोजित करने की घोषणा की है। आयोग ने इन विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की तिथियों का भी ऐलान कर दिया है। इन सभी सीटों पर 11 नवंबर को वोटिंग और 14 नवंबर को मतों की गिनती होगी।

जम्मू-कश्मीर की दो सीटें बडगाम और नगरोटा में भी चुनाव होगा। ये दोनों सीटें पिछले एक साल से रिक्त पड़ी हैं। बडगाम उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे के कारण खाली हुई, जबकि नगरोटा देवेंद्र राणा के निधन से। नगरोटा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला तय है।

इसके अलावा पंजाब की तरनतरण, झारखंड की घाटशिला तथा राजस्थान की अंता विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव आयोजित होंगे. उधर, तेलंगाना की जयंती हिल्स, मिजोरम की दम्पा और ओडिशा की नुआपाड़ा में भी चुनाव संपन्न होंगे. बता दें कि, चुनाव आयोग ने सात राज्यों में आठ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने की भी घोषणा की है. इन उपचुनावों का कारण विभिन्न कारणों से खाली हुई सीटें हैं.

छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की 8 सीटों पर उपचुनाव

  1. जम्मू और कश्मीर के बडगाम (Budgam) और नागरोटा (Nagrota), जहां उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे और देवेंद्र सिंह राणा की मौत के कारण सीट खाली हुई है.
  2. राजस्थान के अंत (Anta) विधानसभा क्षेत्र में कंवरलाल के अयोग्य घोषित होने के कारण उपचुनाव होगा.
  3. झारखंड के घाटसिला (Ghatsila) मौलिक अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में रामदास सोरेन के निधन के कारण उपचुनाव होगा.
  4. तेलंगाना के जुबली हिल्स (Jubilee Hills) में मगंती गोपिनाथ के निधन की वजह से उपचुनाव कराया जा रहा है.
  5. पंजाब के टर्न टारन (Tarn Taran) में डॉ. कश्मीर सिंह सोहल के निधन के कारण उपचुनाव होना है.
  6. मिजोरम के डांपा (Dampa) अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में श्री ललरिंटलुआंगा सैलो की मृत्यु के कारण उपचुनाव होगा.
  7. ओडिशा के नुआपाड़ा (Nuapada) में श्री राजेंद्र ढोलाकिया के निधन कारण उपचुनाव होगा.

उपचुनाव से बदल सकते हैं राजनीतिक समीकरण

ये उपचुनाव आगामी समय में विधानसभा में सीटों की संख्या व राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं. चुनाव आयोग की तत्परता और विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत ये उपचुनाव आयोजित किए जाते हैं ताकि लोकतंत्र के स्थायित्व को बनाए रखा जा सके. बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही अन्य राज्यों में भी उपचुनाव होने के कारण आगामी चुनावी माहौल और भी ज्यादा सक्रिय हो जाएगा. चुनाव आयोग ने सभी दलों से शांति और निष्पक्षता बनाए रखने का आग्रह किया है.

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