पटना। बिहार में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। राज्य के 23 जिलों में मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। लगातार बारिश के कारण अररिया, सुपौल, मधुबनी जैसे जिलों में हालात गंभीर हो गए हैं। नेपाल में हो रही मूसलधार बारिश से कोसी और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं जिससे सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
तेज बारिश और हवा का अलर्ट
मंगलवार को मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले दो दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी संभावना है। इस दौरान आसमान में लगातार बादल छाए रहेंगे और नमी का स्तर भी काफी ऊंचा बना रहेगा।
नेपाल की बारिश बनी बिहार के लिए मुसीबत
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश का असर सीधे बिहार पर पड़ रहा है। कोसी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। सुपौल जिले के छह प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं और लगभग 5 हजार घरों में पानी घुस गया है। मधुबनी में करीब एक लाख की आबादी प्रभावित हो चुकी है।रक्सौल और उसके आसपास के इलाकों में सरिसवा नदी के उफान से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पानी अब सुगौली, सेमरा, रामगढ़वा और मोतिहारी के निचले इलाकों में फैलने लगा है।
क्यों हो रही है बारिश?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और उसके आस-पास एक निम्न दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बना हुआ है। इसके साथ ही दक्षिण-पूर्वी और मध्य भारत से आने वाली नमी युक्त हवाएं बिहार की तरफ बढ़ रही हैं। इन दोनों सिस्टम के सक्रिय होने से बिहार के ऊपर ट्रफ लाइन बन गई है, जिससे बादल लगातार बने हुए हैं और बारिश की स्थिति बनी हुई है।
पटना में भी बदलेगा मौसम का मिजाज
राजधानी में भी बारिश के आसार हैं। यहां अगले 48 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की संभावना है। वातावरण में 70 से 80 फीसदी तक नमी बनी रह सकती है, जिससे सुबह और शाम हल्की ठंडक महसूस होगी। रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट भी दर्ज हो सकती है।
अक्टूबर के बाद राहत के आसार
मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर के बाद से बारिश में कमी आने की संभावना है। तब तक राज्य के अधिकांश जिलों में मौसम में नमी और उमस बनी रह सकती है लेकिन बारिश से तापमान में थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। प्रशासन की ओर से बचाव और राहत कार्यों के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। ग्रामीण इलाकों में नाव और राहत सामग्री भेजी जा रही है। नागरिकों से अपील की गई है कि बिना जरूरत निचले इलाकों की ओर न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
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