गया। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को बिहार के गया जिले के दौरे पर रहेंगे। अपने इस राजनीतिक कार्यक्रम के तहत वे चाकंद और शेरघाटी में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। ओवैसी की सभा को लेकर दोनों इलाकों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चाकंद, बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में आता है जहां मुस्लिम आबादी लगभग 17.42 प्रतिशत है, वहीं शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में यह आंकड़ा 15.67 प्रतिशत है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका में नहीं है, फिर भी AIMIM की गतिविधियों ने यहां की राजनीति को गर्मा दिया है। गौरतलब है कि AIMIM की ओर से अब तक इन दोनों विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, इसके बावजूद ओवैसी का दौरा संकेत देता है कि पार्टी यहां अपनी जमीन तलाश रही है।

जनता से सीधा संवाद करेंगे ओवैसी

पार्टी के जिला प्रभारी शहीद खान ने जानकारी दी कि ओवैसी अपने दौरे के दौरान जनता से सीधा संवाद करेंगे। वे AIMIM की नीतियों पर बात रखने के साथ-साथ स्थानीय समस्याओं पर भी जनता की राय जानने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही वे देशभर में मुस्लिम समुदाय के साथ हो रहे कथित अन्याय और अत्याचार के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाएंगे।

सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम

ओवैसी की सभा को लेकर जिले के मुस्लिम समुदाय में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रशासन ने भी सुरक्षा को लेकर कड़े इंतज़ाम किए हैं। चाकंद और शेरघाटी दोनों जगहों पर पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

दरभंगा में RJD और NDA पर बोला था हमला

इससे पहले सोमवार को दरभंगा में ओवैसी ने एक जनसभा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), महागठबंधन और एनडीए पर तीखे हमले किए थे। उन्होंने कहा था कि जब तक मुसलमान अपना नेता खुद नहीं चुनेंगे, तब तक हालात नहीं बदलेंगे। उन्होंने यादव समुदाय का उदाहरण देते हुए मुस्लिम समाज से भी अपनी राजनीतिक आवाज़ खुद उठाने की अपील की।
ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि AIMIM ने महागठबंधन से छह सीटों की मांग की थी लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने तेजस्वी यादव के उस बयान पर भी सवाल उठाए जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें AIMIM की मांग की जानकारी ही नहीं थी।

फातमी के बेटे पर भी साधा निशाना

ओवैसी ने अपने भाषण में पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के बेटे का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 2020 में जनता दल (यू) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पीएम मोदी की तस्वीर के साथ वोट मांगे थे। आज वही लोग AIMIM और ओवैसी को गालियां देते हैं, जबकि फातमी का बेटा खुद उनके कॉलेज से डॉक्टर बना है।

क्या है ओवैसी की रणनीति?

राजनीतिक जानकारों की मानें तो असदुद्दीन ओवैसी बिहार में मुस्लिम मतदाताओं को लेकर एक नए समीकरण की तलाश में हैं। वे खुद को मुस्लिम राजनीति का विकल्प नहीं बल्कि नेतृत्व के रूप में पेश कर रहे हैं। गया का दौरा इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।