करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि यह पति-पत्नी के प्रेम, समर्पण और विश्वास का त्योहार है. विशेष रूप से सरगी इस दिन का एक अहम हिस्सा होती है, जो न केवल परंपरा का प्रतीक है बल्कि उपवास करने वाली महिलाओं को दिन भर ऊर्जा और स्फूर्ति देने में मदद भी करती है. इस साल करवाचौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा इसके लिए पारंपरिक सरगी थाली में क्या-क्या शामिल होना चाहिए और किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में आज हम आपको विस्तार से बताते हैं.

सरगी थाली में शामिल चीज़ें
सरगी आमतौर पर सास अपनी बहू को देती हैं. इसमें निम्नलिखित चीजें होती हैं:
सूखे मेवे – बादाम, काजू, किशमिश, अंजीर, अखरोट आदि. ये दिन भर के उपवास के लिए ऊर्जा का अच्छा स्रोत होते हैं.
फेनी/सेवइयां – यह मीठा दूध में पकाकर या सूखा भी खाया जा सकता है. परंपरा के अनुसार फेनी को सरगी का विशेष हिस्सा माना जाता है.
मिठाई – रसगुल्ला, बर्फी, लड्डू या कोई भी पसंदीदा मिठाई. मिठाई शुभ मानी जाती है और व्रत की शुरुआत में इसे खाना परंपरा है.
फल – सेब, केला, पपीता आदि. फल शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने और ऊर्जा देने में सहायक होते हैं.
नारियल – पूजा में भी उपयोग होता है और सरगी में शामिल करना शुभ माना जाता है.
पानी या दूध – सरगी के समय महिलाएं थोड़ा पानी या दूध पी सकती हैं, क्योंकि इसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है.
सरगी लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- सरगी सूर्योदय से पहले खा लें – यह ब्रह्ममुहूर्त में किया जाता है.
- सास से आशीर्वाद लें – सरगी सास द्वारा दी जाती है, इसलिए उनका आशीर्वाद लेना शुभ होता है.
- ध्यान और पूजा के साथ खाएं – मन शांत और श्रद्धा से भरा हो.
- सरगी थाली को अच्छे से सजाएं – थाली में सभी चीजें सलीके से और साफ-सफाई के साथ रखें.
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