प्रतीक चौहान. रायपुर. केंद्र सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बीच डोंगरगढ़-गोंदिया रेलवे लाइन के चौथे ट्रैक के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 84 किलोमीटर लंबा नया रेल मार्ग 5 साल में पूरा किए जाने का टारगेट रखा गया है. ये प्रोजेक्ट करीब कुल 2,223 करोड़ का बताया जा रहा है. इसके अलावा भुसावल-वर्धा 314 किलोमीटर में 3rd और 4th लाईन, वडोदरा-रतलाम 259km में 3rd और 4th लाईन, इटारसी-बीना 4th लाईन 237km शामिल है.

यह परियोजना पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान का हिस्सा है, जो पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भारत के बीच यात्री तथा माल ढुलाई को मजबूत बनाएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल ट्रैफिक जाम कम करेगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज भारतीय रेलवे की चार मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत ₹24,634 करोड़ रुपये है . इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी .

इन चार परियोजनाओं में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के गोंदिया–डोंगरगढ़ खंड (84 किलोमीटर, ₹2,223 करोड़) की चौथी रेल लाइन परियोजना भी शामिल है, जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों से होकर गुजरती है . यह खंड पूर्व, मध्य और पश्चिम भारत को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण यात्री एवं माल यातायात मार्ग पर स्थित है .

 यह परियोजना राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) और गोंदिया (महाराष्ट्र) जिलों से होकर गुजरती है, जिनमें से राजनांदगांव एक आकांक्षी जिला है . इस खंड से हज़ारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान, बम्लेश्वरी मंदिर, डोंगरगढ़ धारा रिज़र्व फ़ॉरेस्ट जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को भी बेहतर रेल संपर्क मिलेगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा .

परियोजना की प्रमुख विशेषताएं:

•             मार्ग लंबाई: 84 किलोमीटर

•             अनुमानित लागत: ₹2,223 करोड़

•             निर्माण अवधि: 5 वर्ष

•             रेलवे पुलों की संख्या: 15 मेजर एवं 123 माइनर

•             टनल: 1

•             रोड ओवर ब्रिज: 3

•             रोड अंडर ब्रिज: 22

•             अतिरिक्त माल यातायात क्षमता: 30.6 मिलियन टन प्रति वर्ष

•             CO₂ उत्सर्जन में कमी: 23 करोड़ किलोग्राम प्रति वर्ष (लगभग 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर)

•             डीज़ल बचत: 4.6 करोड़ लीटर प्रति वर्ष

•             लॉजिस्टिक लागत में बचत: ₹514 करोड़ प्रति वर्ष

मल्टी-ट्रैकिंग से लाइन क्षमता और गतिशीलता में वृद्धि होगी, जिससे निर्बाध रेल परिचालन सुनिश्चित होगा . यह परियोजना पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य एकीकृत योजना द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है .