चंडीगढ़. पंजाब में अकादमिक सत्र शुरू हुए छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, और अब शिक्षा विभाग ने सत्र के बीच में एक नया विषय शुरू किया है। विभाग ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों को इस विषय को चालू अकादमिक सत्र से लागू करने और इसे छात्रों के लिए अनिवार्य करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।

पंजाब सरकार ने 11वीं कक्षा में छात्रों को उद्यमिता से जोड़ने के लिए ‘Entrepreneur’ नामक एक नया विषय शुरू किया है। सत्र के बीच में इस नए विषय की शुरुआत स्कूल प्रिंसिपलों और छात्रों दोनों के लिए चिंता का कारण बन रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह विषय 11वीं कक्षा के सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगा और इसकी वार्षिक परीक्षा भी आयोजित की जाएगी।

अकादमिक सत्र अप्रेल में शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है। 11वीं कक्षा की परीक्षाएं बोर्ड परीक्षाओं से पहले, फरवरी के आसपास होती हैं। शिक्षा विभाग ने अक्टूबर में ‘Entrepreneur’ विषय को लागू किया है, जिसके चलते छात्रों के पास इसे पढ़ने के लिए केवल चार महीने का समय है।

कौन पढ़ाएगा ‘Entrepreneur’ विषय, यह स्पष्ट नहीं

शिक्षा विभाग ने 11वीं कक्षा में ‘Entrepreneur’ विषय को अनिवार्य कर दिया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कौन पढ़ाएगा। इस विषय के पाठ्यक्रम में छात्रों को स्वामित्व, साझा फर्म और HUF जैसे तकनीकी पहलुओं के बारे में पढ़ाया जाएगा। ये विषय पूरी तरह से कानूनी मामलों से संबंधित हैं, और स्कूल स्तर पर इसके लिए कोई शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। जिन स्कूलों में कॉमर्स की कक्षाएं हैं, वहां कॉमर्स शिक्षक इस विषय को पढ़ा सकते हैं, लेकिन जिन स्कूलों में कॉमर्स विषय नहीं है, वहां इसे कौन पढ़ाएगा, यह सवाल अनुत्तरित हैं।

हर महीने केवल दो पीरियड

शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस विषय के लिए हर महीने केवल दो पीरियड होंगे। चूंकि 11वीं कक्षा की परीक्षाएं फरवरी में शुरू होती हैं, इसलिए छात्रों के पास कुल मिलाकर केवल सात या आठ पीरियड ही होंगे।

विभाग एक के बाद एक अनिवार्य विषय जोड़ रहा

एसोसिएटेड स्कूल्स जॉइंट एक्शन फ्रंट पंजाब के महासचिव प्रितपाल सिंह का कहना हैं कि 11वीं कक्षा से छात्र करियर-उन्मुख पढ़ाई शुरू करते हैं। शिक्षा विभाग ने पहले कंप्यूटर साइंस को अनिवार्य विषय बनाया, फिर पर्यावरण (EVS) को, और अब ‘Entrepreneur’ को। JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए इस विषय को पढ़ाने का क्या औचित्य है?