Lalluram Desk. कार्तिक मास को धार्मिक दृष्टि से सबसे पवित्र महीनों में गिना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इसकी शुरुआत 8 अक्टूबर से हो चुकी है. 5 नवंबर तक कार्तिक महीना है. इस पूरे महीने में पूजा-पाठ, स्नान, दान और दीपदान का विशेष महत्व होता है.
मान्यता है कि इस मास में जो भक्त पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाता है, उसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का एक साथ आशीर्वाद प्राप्त होता है. पौराणिक मान्यता है कि इस मास में किया गया हर शुभ कार्य हजार गुना फल देता है. इसलिए लोग न केवल मंदिरों में बल्कि घर के बाहर, तुलसी चौरा और पीपल के नीचे दीपक जलाकर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं. धार्मिक दृष्टि से यह मास आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक माना गया है.
पीपल के नीचे दीपक जलाने से बढ़ती है पुण्य की ज्योति
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना गया है, इसकी जड़ों में ब्रह्मा और शाखाओं में भगवान शिव निवास करते हैं. इस कारण इसे त्रिदेव का प्रतीक कहा गया है. कार्तिक मास की संध्याकाल में इस वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि घर में समृद्धि, शांति और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है.
- गंगा या किसी पवित्र नदी के तट पर स्थित पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं.
- शिव मंदिर परिसर में पीपल वृक्ष के पास दीपक जलाएं.
- तीर्थस्थल जैसे काशी, पुष्कर या द्वारका के निकट पीपल वृक्ष पर दीपदान का विशेष महत्व.
- घर या मोहल्ले के मंदिर में स्थित पीपल वृक्ष पर दीप प्रज्वलित करना चाहिए.
- गांव के बाहरी क्षेत्र में पुराने पीपल वृक्ष के नीचे, जहां लोग सामूहिक रूप से पूजा करते हैं.