कुंदन कुमार, पटना। प्रदेश की सियासत जगत से एक बड़ी खबर सामने आई है। विधानसभा सचिवालय ने कांग्रेस विधायक मुरारी प्रसाद गौतम का इस्तीफा (6 अक्टूबर) को स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना भी जारी की है।

आपको बता दें कि 2024 में नीतीश सरकार के विश्वास मत के दौरान चेनारी से कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम अनुपस्थित रहे थे। यानी की वह राजग के साथ चले गए। वह महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री भी रह चुके हैं।

जदयू उम्मीदवार को 18,003 वोटों से हराया था

मुरारी प्रसाद गौतम 2020 के विधानसभा चुनाव में चेनारी से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। उन्होंने जेडीयू उम्मीदवार ललन पासवान को 18,003 वोटों से हराकर विधानसभा की कुर्सी हासिल की थी। लेकिन फरवरी 2024 में नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान उन्होंने महागठबंधन के बजाय सत्ता पक्ष के समर्थन में वोट देकर बड़ा राजनीतिक खेल कर दिया था। यही नहीं, कांग्रेस के एक और विधायक, पटना की बिक्रम सीट से सिद्धार्थ सौरव ने भी उसी समय सत्ता पक्ष का साथ दिया था।

कांग्रेस ने की थी सदस्यता रद्द करने की मांग

इस बगावत के बाद कांग्रेस ने दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उस पर कोई फैसला नहीं किया। इस बीच मुरारी गौतम भाजपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और अब उनके इस्तीफे के बाद चेनारी सीट पर नया राजनीतिक समीकरण बनने के आसार हैं।

गौरतलब है कि मुरारी गौतम जून 2025 में तब भी सुर्खियों में आए थे, जब पटना स्थित उनके आवास से चोरी की घटना सामने आई थी। चोर पंखा, कूलर और यहां तक कि टोंटी तक ले उड़े थे। अब देखना दिलचस्प होगा कि चेनारी की यह सीट अगली बार किसके खाते में जाती है। कांग्रेस इसे बचा पाती है या भाजपा इसे हथियाने में कामयाब होती है।

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