Thar Mahotsav 2025: रेगिस्तान की धरा बाड़मेर में बुधवार से थार महोत्सव 2025 का भव्य आगाज हो गया। दो दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य जिले की समृद्ध कला और संस्कृति को विश्व पटल पर पहचान दिलाना है। महोत्सव की शुरूआत शहर के गांधी चौक से भव्य शोभायात्रा के साथ हुई, जिसे कलेक्टर टीना डाबी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शोभायात्रा शहर के आदर्श स्टेडियम तक पहुंची, जहां कलेक्टर ने बैलून उड़ाकर औपचारिक रूप से महोत्सव का उद्घाटन किया।

शोभायात्रा में कलश धारण करती महिलाएं, ढोल की थाप पर नाचते गेहरिये, राजस्थानी वेशभूषा में सजे ‘थार श्री’ प्रतिभागी और ऊंट-घोड़ों की सवारी मुख्य आकर्षण रहे। दर्शक पारंपरिक राजस्थानी नृत्य और सजावट की छटा देखकर मंत्रमुग्ध हो गए।

धर्मेंद्र डाबी बने ‘थार श्री’, नक्षत्री चौधरी को मिला ‘थार सुंदरी’ का खिताब

महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहा ‘थार श्री’ और ‘थार सुंदरी’ प्रतियोगिता। प्रतिभागियों ने पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों में सजकर प्रस्तुति दी। निर्णायकों ने प्रदर्शन, सांस्कृतिक प्रस्तुति और पारंपरिक कौशल के आधार पर धर्मेंद्र डाबी को ‘थार श्री’ और नक्षत्री चौधरी को ‘थार सुंदरी’ का खिताब दिया। उन्होंने 30 तोले सोने के आभूषण और पारंपरिक परिधान पहनकर प्रतियोगिता में भाग लिया और निर्णायकों का दिल जीत लिया।

पहली बार प्रतियोगिता में भाग लेने वाले धर्मेंद्र डाबी ने बताया कि उन्होंने इस खिताब के लिए एक साल तक तैयारी की थी। वहीं, मुंबई में पढ़ाई कर रही और टेबल टेनिस खिलाड़ी नक्षत्री चौधरी ने कहा कि यह महोत्सव हमारी संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का बेहतरीन मंच है।

पारंपरिक खेल और गतिविधियों का रंग

महोत्सव के पहले दिन अनेक पारंपरिक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। इनमें शामिल थे:

  • सुंदर मूंछ प्रतियोगिता
  • ऊंट श्रृंगार प्रतियोगिता
  • पुरुष एवं महिला वर्ग के लिए रस्सा कस्सी
  • पणिहारी मटका दौड़
  • ढोल वादन
  • पंच गौरव खेल
  • बास्केटबॉल प्रतियोगिता
  • दादा-पोता दौड़ और पति-पत्नी दौड़

इन आयोजनों ने दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति का जीवंत अनुभव कराया।

मिनी खजुराहो और मखमली धोरों पर रंगीन कार्यक्रम

महोत्सव के दूसरे दिन केराड़ू मंदिर, जिसे ‘मिनी खजुराहो’ के नाम से जाना जाता है, में ग्रामीण कबड्डी, सत्तोलिया, दंपति दौड़, दादा-पोता दौड़, रुमाल झपट्टा, मेहंदी और रंगोली जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। शाम को महाबार के मखमली धोरों पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसे महोत्सव का मुख्य आकर्षण माना जा रहा है।

बाड़मेर महोत्सव ने अपनी रंग-बिरंगी छटा और सांस्कृतिक विविधता से हर आगंतुक का मन मोह लिया है। प्रशासन और पर्यटन विभाग ने इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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