पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी पूरी हो चुकी है और चुनाव दो चरणों में होंगे। 14 नवंबर को वोटों की गिनती होगी और उसी दिन यह तय होगा कि अगली सरकार किसकी बनेगी। इस बीच बिहार की राजनीतिक दुनिया में एक बड़ा रिकॉर्ड चर्चा में है। नीतीश कुमार अब तक 18 साल से अधिक समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं जो राज्य के इतिहास में किसी भी नेता से अधिक है। उन्होंने बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा है। हालांकि सबसे लंबे लगातार कार्यकाल का रिकॉर्ड अभी भी श्रीकृष्ण सिंह के नाम दर्ज है जिन्होंने 2 अगस्त 1947 से 31 जनवरी 1961 तक लगभग 14 साल और 314 दिन लगातार मुख्यमंत्री पद संभाला।

नीतीश कुमार के कार्यकाल की झलक

नीतीश कुमार ने अब तक 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उनका पहला कार्यकाल मार्च 2000 में मात्र 7 दिन का था जबकि उनका सबसे लंबा लगातार कार्यकाल 8 साल और 239 दिन (नवंबर 2005 से मई 2014) रहा। नीतीश कुमार की राजनीतिक ताकत का एक प्रमुख पहलू उनका गठबंधन बदलने का कौशल रहा है जिसके कारण उन्हें पलटू राम की उपाधि भी मिली। 2005 में उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता हासिल की। 2013 में नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन्होंने बीजेपी से दूरी बनाई। फिर 2015 में उन्होंने लालू यादव की राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया और जीत हासिल की। 2017 में महागठबंधन से बाहर आए और एनडीए में लौटे। 2022 में फिर राजद के साथ गठबंधन किया और 2024 में एनडीए में शामिल हुए।

बिहार के इतिहास में और कुछ रिकॉर्ड

बिहार के सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड सतीश प्रसाद सिंह के नाम है। वे सिर्फ 28 जनवरी से 1 फरवरी 1968 तक पांच दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे। उनके कार्यकाल का उद्देश्य पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली अल्पकालिक सरकार बनाना था लेकिन बहुमत न होने के कारण उनकी सरकार गिर गई। वहीं श्रीकृष्ण सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रहे। उन्हें कई बार जेल हुई, उन्होंने शिक्षा कृषि और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए। 1935-36 में वे केंद्रीय विधानमंडल के सदस्य बने और 1947 तक बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में योगदान दिया। नीतीश कुमार की यह उपलब्धि उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे अनुभवी और प्रभावी नेताओं में गिनाती है जो विभिन्न राजनीतिक ध्रुवों के बीच तालमेल बिठाकर सत्ता में बने रहते हैं।