बेतिया। पश्चिम चंपारण। पश्चिम चंपारण जिले का पर्यटन क्षेत्र अब एक नई पहचान बनाने जा रहा है। जिले का प्रसिद्ध उदयपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी कोविड के दौरान बंद होने के बाद अब पर्यटकों के लिए फिर से खुलने के कगार पर है। यह पर्यटन स्थल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। उदयपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी जिसे स्थानीय लोग सरैयामन जंगल भी कहते हैं लगभग 887 हेक्टेयर में फैला है। यहां जामुन, सागौन, शीशम सखुआ और महोगनी जैसे दुर्लभ पेड़-पौधे पाए जाते हैं। जंगल के बीच में 319 हेक्टेयर में फैली सरैया झील प्राकृतिक सौंदर्य को और भी आकर्षक बनाती है। यह झील बुढ़ी गंडक नदी के दक्षिण हिस्से में स्थित है और इसकी गहराई लगभग 50 फीट है।
वन्य जीव और पक्षियों की विविधता
जंगल में पक्षियों की करीब 100 प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से आधा दर्जन प्रवासी हैं। झील और जंगल में 12 मछली प्रजातियां और लगभग 43 तरह के जू प्लांकटन मौजूद हैं। साथ ही जंगल में करीब 250 प्रकार की वनस्पतियां भी हैं। यह स्थल न केवल पर्यटकों के लिए मनोरंजन का केंद्र है बल्कि संरक्षण और ईको-पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पर्यटकों के लिए रोमांचक गतिविधियां
डॉ. नेशामणि के अनुसार इस बार सेंचुरी में पर्यटकों के लिए नौका विहार जंगल में साइकलिंग, जंगल ट्रेल जैसी रोमांचक गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। इसके अलावा व्याख्या केंद्र, वन्य जीव दीर्घा, पक्षी अवलोकन स्टेशन, चिल्ड्रन पार्क, तितली संवर्धन जोन कैफेटेरिया और बोटिंग ज़ोन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
जल्द खुलेगा पर्यटन स्थल
6 अक्टूबर को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. नेशामणि और वन प्रमंडल बेतिया पंकज कुमार की मौजूदगी में उदयपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का शुभारंभ किया गया। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यह स्थल केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए संरक्षित धरोहर है। जल्द ही पर्यटक एक मामूली शुल्क का भुगतान करके इस प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।
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