पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विवाद गहराने लगा है। जहां जदयू और बीजेपी के बीच सीटों पर सहमति बन चुकी है वहीं लोजपा रामविलास (LJP-RV) और बीजेपी के बीच सीटों को लेकर खींचतान तेज हो गई है। इसी बीच चिराग पासवान ने पार्टी की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है, जो आज पटना स्थित लोजपा रामविलास के प्रदेश कार्यालय में आयोजित होगी।

दिल्ली की बैठक रही बेनतीजा

मंगलवार को दिल्ली में चिराग पासवान और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच हुई बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और मंत्री मंगल पांडे के साथ बातचीत के बाद चिराग बिना कोई बयान दिए पटना लौट आए। इसके बाद उन्होंने पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारियों को इकट्ठा करने के लिए यह आपात बैठक बुलाई है।

बैठक का एजेंडा और रणनीति तय करेगी लोजपा

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में लोजपा रामविलास सीट बंटवारे को लेकर अपनी रणनीति फाइनल करेगी। पार्टी चाहता है कि उसे उन सीटों पर उचित प्रतिनिधित्व मिले, जहां उसका सामाजिक और राजनीतिक आधार मजबूत है। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के सांसद और चुनाव प्रभारी अरुण भारती करेंगे। इसमें सभी प्रमुख पदाधिकारी, सांसद, पूर्व विधायक और जिला इकाइयों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अरुण भारती बैठक में संगठन से आम राय लेकर बीजेपी के साथ आगे की बातचीत का खाका तैयार करेंगे। पार्टी इस बैठक में बीजेपी पर दबाव बनाने की रणनीति पर भी विचार करेगी।

विवादित सीटों पर लोजपा की दावेदारी

लोजपा रामविलास मुख्य रूप से गोविंदगंज (पूर्वी चंपारण), ब्रह्मपुर (बक्सर), हाजीपुर के राजापाकड़, महुआ, वैशाली के लालगंज और हायाघाट सीटों पर दावा कर रही है। खास बात यह है कि महुआ सीट पर उपेंद्र कुशवाहा का भी दावा है, जिससे यह क्षेत्र और विवादित बन गया है। इसके अलावा जमुई और चकाई सीटों पर भी पार्टी का दावा है। चकाई सीट पर वर्तमान में एक निर्दलीय विधायक हैं, जिन्हें मंत्री बनाया गया है और माना जा रहा है कि वे जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं सिकंदरा सीट पर हम पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में इन सीटों को लोजपा को देने को लेकर एनडीए के भीतर खींचतान और बढ़ गई है।

सीट बंटवारे को लेकर बढ़ा दबाव

लोजपा रामविलास का दावा है कि उसे कम से कम 25 से 40 सीटों की पेशकश होनी चाहिए, जबकि बीजेपी ने केवल 25 सीटों का प्रस्ताव दिया है। पार्टी इस बैठक के बाद आगामी रणनीति तय करेगी, जिसमें बीजेपी पर दबाव बढ़ाने के अलावा वैकल्पिक कदमों पर भी चर्चा हो सकती है। एनडीए के लिए यह चुनौती बन गई है कि वह सीट बंटवारे को लेकर जल्द ही सहमति पर पहुंचे, ताकि चुनाव की तैयारी समय रहते पूरी की जा सके।

आगे की क्या होगी रणनीति?

एनडीए के भीतर यह विवाद बिहार विधानसभा चुनाव की तस्वीर को प्रभावित कर सकता है। अगर लोजपा की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो गठबंधन में दरार की संभावना भी बनी रहेगी। वहीं, अगर बैठक सकारात्मक रही, तो सीटों का अंतिम बंटवारा जल्द घोषित हो सकता है।