कुंदन कुमार, पटना। बिहार चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत पहले से और गर्म हो गई है। एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी खींचातानी मची हुई है। इस बीच जदयू और लोजपा को बड़ा झटका लगा है। दरअसल जदयू के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा, जदयू के पूर्व विधायक राहुल शर्मा और लोजपा के पूर्व प्रत्याशी अजय कुशवाहा अजय कुशवाहा व जदयू सांसद गिरधारी यादव के पुत्र चाणक्य प्रकाश ने राजद का दामन थाम लिया है।

इन सभी नेताओं ने तेजस्वी यादव और राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल के समक्ष पार्टी की सदस्यता ली। एक साथ इन बड़े नेताओं का राजद में जाना जदयू के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। खासकर कुशवाहा समाज के वोटबैंक जिसे जदयू का वोटबैंक माना जाता था। अब वह राजद के पाले में खिसकता दिख रहा है।

कुशवाहा वोटरों को जोड़ने की तैयारी

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को कुशवाहा समाज का अच्छा समर्थन मिला था। अब तेजस्वी उसी समीकरण को दोहराने की रणनीति बना रहे हैं। राजद टिकट वितरण में लगभग एक दर्जन सीटें कुशवाहा नेताओं को देने की योजना बना रही है। उजियारपुर, सीतामढ़ी, कुर्था, चेरिया बरियारपुर, डिहरी, वारिसनगर, बिहारीगंज, कुढ़नी, नवादा, हथुआ, कटिहार और पालीगंज जैसी सीटों पर यह “कुशवाहा कार्ड” खेला जा सकता है। यह कदम सीधे तौर पर एनडीए के बड़े चेहरों उपेंद्र कुशवाहा और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को चुनौती देने की कोशिश है।

अति पिछड़ों और अगड़ी जातियों पर फोकस

राजद इस बार 30 से 35 टिकट अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को देने जा रही है। यह पार्टी के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि अब तक इस वर्ग को इतनी बड़ी हिस्सेदारी नहीं दी गई थी। साथ ही, पहली बार राजद 12 से 18 सीटों पर अगड़ी जातियों (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ) के नेताओं को भी उम्मीदवार बना सकती है।

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