गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही. झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से 13 साल की बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग जागा और जिले में चल रहे अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई की है. गौरेला-पेण्ड्रा और मरवाही के अलग-अलग जगहों पर संचालित 10 से अधिक क्लीनिक और पैथोलेब लैब पर स्वास्थ्य विभाग ने छापामार कार्रवाई की. इस दौरान अवैध रूप से संचालित सिध्दीविनायक क्लिनिक एवं इशिका पैथोलॉजी लैब को सील किया.

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से जिले के फर्जी डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि बुधवार को दस्त से पीड़ित विशेसरा गांव की रहने वाली बच्ची का इलाज झोलाछाप डॉक्टर ने किया था. परिजनों ने आरोप लगाया था कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही, गलत इलाज से बच्ची की मौत हो गई.

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जनता की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं : CMHO

CMHO रामेश्वर शर्मा ने कहा, स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे जिले में अवैध रूप से संचालित झोलाछाप डॉक्टरों, निजी क्लीनिकों और पैथालाजी लैब पर सीलबंद की कार्रवाई की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद 13 साल की बच्ची की मौत के जिम्मेदार झोलाछाप डॉक्टर भगवान दास निवासी पिपालामार के खिलाफ एफआईआई कराई जाएगी. उन्होंने कहा, जनता की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.