अजयारविंद नामदेव, शहडोल। बिरसा मुंडा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) शहडोल में लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है। प्रसूति वार्ड में प्रसव के पहले इस्तेमाल की जा रही दवा ‘पॉविडोन आयोडीन सॉल्यूशन’ लगाने के बाद गर्भवती महिलाओं की त्वचा झुलसने और छाले पड़ने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। मामला गंभीर होता देख मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इस दवा के दो बैच (E24/0009A व E24/0044A) के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

दो बैच पर पूरी तरह रोक

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि इन दोनों बैचों की दवाओं को तुरंत स्टोर में जमा कराया जाए और किसी भी हालत में उपयोग न किया जाए। यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया गया, जिनमें प्रसूति वार्ड में भर्ती महिलाओं की स्किन दवा लगाने के तुरंत बाद जलने लगी थी। बताया गया कि इस सर्जिकल सॉल्यूशन का उपयोग ऑपरेशन से पहले त्वचा साफ करने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके उपयोग के बाद कई मरीजों की त्वचा पर जलन, लालपन और फफोले बनने लगे।

PCC चीफ जीतू पटवारी की प्रेस कॉन्फ्रेंसः बोले -छिंदवाड़ा में बच्चों की गैर इरादतन हत्या हुई, स्वास्थ्य मंत्री से

भोपाल तक मचा हड़कंप, कलेक्टर ने किया निरीक्षण

जैसे-जैसे मामले बढ़ते गए, शहडोल से लेकर भोपाल तक स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। कॉलेज प्रशासन ने तुरंत सभी बैचों की जांच शुरू की और संदिग्ध बैचों की सप्लाई रोक दी। स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों बैचों को संदिग्ध घोषित करते हुए दवा सप्लाई कंपनी से जवाब तलब किया है। गंभीर शिकायतों के बाद कलेक्टर केदार सिंह ने मेडिकल कॉलेज का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रसूति वार्ड का दौरा कर मरीजों से सीधे बात की और उनकी स्थिति की जानकारी ली।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H