1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर एक नए राज्य के रूप में स्थापित हुआ छत्तीसगढ़. 15 अगस्त 2025 से लेकर 31 मार्च 2026 तक राज्य के गठन की 25 वीं वर्षगांठ (रजत जयंती) को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. इस ऐतिहासिक वर्ष में विकास, गौरव, लोककल्याण और आत्मावलोकन को केंद्र में रखा गया है. इस अवसर पर राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने अपनी योजनाओं को और भी गति दी है. कार्यक्रमों की विशेष रूपरेखा बनाई है जिसमे खास तौर से श्रमिकों तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लोगों पर फोकस रखा गया है.

मुख्यमंत्री ने रजत जयंती वर्ष को बना दिया संकल्प वर्ष

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित किया और उन्हें राज्य में हो रहे विकास कार्यों, जनकल्याण कार्यक्रमों और रजत जयंती उत्सवों की रूपरेखा से अवगत कराया.

उन्होंने सरकारी बैठकों में प्रगति की समीक्षा की, पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली को निरंतर विस्तारित किया जाए. जब उन्होंने श्रमिक सम्मेलनों में भाषण दिया, तो उन्होंने श्रमिकों को समाज की रीढ़ कहा और यह वादा किया कि उनकी मेहनत का फल उन्हें सीधा मिलेगा.

छत्तीसगढ़ में श्रम कल्याण की राह में चुनौतियां और साय सरकार का समाधान

छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से, राज्य सरकारों ने समय-समय पर श्रमिकों, विशेषकर निर्माण, असंगठित और ठेकेदार श्रमिकों के कल्याण हेतु कई योजनाएं चलाई हैं. लेकिन संस्थागत कार्यान्वयन, फंडिंग, पंजीयन अनियमितताएं आदि चुनौतियां रही हैं. “छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मण्डल” और “छत्तीसगढ़ असंगठित कार्यकर्ता कल्याण मण्डल” की योजनाएं भी अधिकतर नाममात्र पर थीं — पंजीयन कम था, लाभार्थियों तक पहुंच कम थी और जागरूकता सीमित थी. लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नए नेतृत्व में इन व्यवस्थाओं को सुधारने, योजनाओं को विस्तार देने और डिजिटल माध्यमों द्वारा बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई है.

प्रमुख श्रम कल्याण योजनाएं और उनका प्रभाव

मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना

यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख श्रम कल्याण योजनाओं में है. मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना उन पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को आर्थिक सहायता देती है, जो घर बनाना चाहते हैं या नया घर खरीदना चाहते हैं. अब इस सहायता राशि को बढ़ा कर 1.50 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है. इस योजना से कई निम्न-आय श्रमिकों को अपने परिवार के लिए स्थायी आवास का अवसर मिला है, जिससे उनकी जीवन सुरक्षा बेहतर हुई है.

मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना

इस योजना के अंतर्गत, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक पेंशन ₹1,500 मिलती है. यदि श्रमिक की मृत्यु हो जाए, तो परिवार को अर्द्ध पेंशन (₹750) मिलती है. 

आज यह योजना श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का एक आधारस्तंभ बनी है, विशेषकर वृद्ध और काम न कर सकने वाले श्रमिकों के लिए.

मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना

यह योजना 12 मई 2022 को शुरू की गई, जिसमें 59–60 वर्ष की आयु के बीच पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को एकमुश्त ₹20,000 सहायता दी जाती है. यह राशि उन श्रमिकों के लिए राहत का साधन बनती है, जो कार्य करने की अवस्था से बाहर हो रहे हैं और जिनकी आय बंद हो रही है.

मिनीमाता मातृ जतन योजना

इस योजना मे गर्भवती महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसव के बाद ₹20,000 की सहायता दी जाती है. यदि दुर्भाग्य से प्रसव के दौरान महिला निर्माण श्रमिक की मृत्यु हो जाए तो यह राशि उसके पति को दी जाती है. यह योजना मातृत्व स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है और उनके आर्थिक बोझ को कम करती है.

मुख्यमंत्री अनुदान योजनाएं — कोचिंग सहायता व बेटी सशक्तिकरण

इस योजना के तहत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग मुफ्त दी जाती है और पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटियों को शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है.

मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजनाएं 2025

“मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु और दिव्यांग सहायता योजना 2025” के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दुर्घटना, मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. 50,000 रुपए दिव्यांगता की स्थिति में और 1,00,000 रुपये मृत्यु होने पर परिवार को दिया जाता है.

अटल श्रम सशक्तिकरण योजना

इस योजना के तहत असंगठित श्रमिकों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य, खाद्य और वित्तीय सुरक्षा की सुविधा दी जाती है. राज्य ने 106 निजी अस्पतालों के साथ “कैशलेस ट्रीटमेंट” व्यवस्था की है, जिससे श्रमिकों के ऊपर से आर्थिक बोझ कम हुआ है. इसके अलावा श्रमिकों को “Shramev Jayate” पोर्टल के माध्यम से सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ने की व्यवस्था डबल इंजन वाली साय सरकार के द्वारा कर दी गई है.

साय सरकार की विशेष कार्यवाही और प्रगति

17 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 65.16 करोड़ रुपए की राशि 1.84 लाख पंजीकृत श्रमिकों के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से जमा की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की थी कि “दीदी ई-रिक्शा” योजना की सहायता राशि को 1,00,000 से बढ़ाकर 1,50,000 रुपए कर दिया जाएगा और निर्माण श्रमिकों के आवास सहायता को भी 1.50 लाख रुपए किया जाएगा. इसके अलावा स्वास्थ्य जांच और उपचार की लागत को अब पूरी तरह लाभार्थी श्रमिकों पर न डालने की भी व्यवस्था की गई है. यह कदम सिर्फ आर्थिक हस्तांतरण नहीं है; यह श्रमिकों को सम्मान देने, उनकी गरिमा बरकरार रखने और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर है.

स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन

रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में राज्य की साय सरकार के नेतृत्व मे श्रमिक स्वास्थ्य शिविर, नवीनीकरण एवं पंजीयन शिविर आयोजित किए गए हैं. वर्तमान सरकार श्रमिकों को केंद्र में रखना चाहती है न कि हाशिये पर. योजनाएँ सिर्फ कागज पर नहीं, हकीकत में किसानों के जीवन को बेहतर कर रही हैं. रजत जयंती वर्ष 2025 26 छत्तीसगढ़ के लिए एक नया स्व-परिचय और संस्कार वर्ष है. इस वर्ष को सिर्फ उत्सव न मानकर, विकास की दिशा में एक मजबूत संकल्प वर्ष बनाया गया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, पूरी शिद्दत से श्रमिकों जीवन बेहतर बनाने की दिशा मे काम कर रहे हैं. श्रमिकों को सशक्त करने, उन्हें सुरक्षा देने और उनके जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में किया गया उनका प्रयास रंग लाता हुआ भी दिखाई दे रहा है.