Devuthani Ekadashi 2025: चातुर्मास 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी तिथि के साथ समाप्त हो रहा है. इसलिए 1 नवंबर के दिन या उसके बाद के क्षणों से मांगलिक एवं शुभ कार्यों की शुरुआत मानी जाएगी. कई धर्मग्रंथों और पंचांगों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन सभी देवी-देवता योग निद्रा से जागते हैं और शुभ कार्यों का पुनः आरंभ होता है.

विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण जैसे मांगलिक संस्कार चातुर्मास की अवधि (6 जुलाई – 1 नवंबर) के दौरान वर्जित माने जाते हैं. देवउठनी एकादशी के बाद ही इन कार्यों की पुनः शुरुआत होती है. वर्ष 2025 का चातुर्मास 6 जुलाई से आरंभ होकर 1 नवंबर को समाप्त होगा. इस वर्ष देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी. यह एकादशी तिथि सुबह 9:11 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर सुबह 7:31 बजे तक रहेगी.

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Devuthani Ekadashi 2025
Devuthani Ekadashi 2025

मांगलिक और शुभ कार्यों का आरंभ (Devuthani Ekadashi 2025)

इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं. इसी कारण 1 नवंबर से विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मांगलिक संस्कारों की शुरुआत मानी जाती है. चातुर्मास की अवधि (6 जुलाई – 1 नवंबर) में ये सभी कार्य वर्जित रहते हैं.

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साधु-संतों की गतिविधियां (Devuthani Ekadashi 2025)

इस पवित्र चार महीने की अवधि में साधु-संत उपासना, जप, ध्यान, शास्त्र वाचन, दान-पुण्य और सभा-कीर्तन जैसे धार्मिक कार्यों के माध्यम से जनकल्याण एवं आत्मशुद्धि का संदेश देते हैं. चातुर्मास को साधना और आत्मविकास का श्रेष्ठ काल माना गया है.

नवंबर 2025 में विवाह के शुभ मुहूर्त (Devuthani Ekadashi 2025)

विवाह लग्न के लिए नवंबर 2025 में शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं: 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर 2025.

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