अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले के धनपुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत एसईसीएल सोहागपुर की अमलाई ओपनकास्ट माइंस (OCM) में शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया। मिट्टी धंसने (स्लाइडिंग) के कारण रीवा जिले के मऊगंज निवासी टीपर ऑपरेटर अनिल कुशवाहा डोजर मशीन सहित पानी भरे गड्ढे में समा गए। कई घंटे बीतने के बाद भी न तो मशीन का पता चला और न ही ऑपरेटर का कोई सुराग मिला।

कंपनी की ओर से नहीं की गई बचाव अभियान की व्यवस्था

घटना की सूचना मिलते ही अनुविभाग के एसडीओपी, थाना प्रभारी, पुलिस और बचाव दल मौके पर पहुंचे। SDRF टीम को भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बुलाया गया, जो गहराई में खोज अभियान चला रही है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार हादसे के बाद भी R.K.T.C कंपनी की ओर से कोई त्वरित बचाव व्यवस्था नहीं की गई, जिससे अफरा-तफरी का माहौल रहा।

साल भर पहले इसी OCM में लापता हो गए थे कर्मचारी

यह पहला हादसा नहीं है। कुछ साल पहले इसी OCM में एक विशाल माइनिंग मशीन और कर्मचारी लापता हो गए थे, जिनका आज तक कोई पता नहीं चला। स्थानीय श्रमिकों का कहना है कि हर बार आश्वासन मिलता है, लेकिन सुरक्षा मानकों में सुधार नहीं होता।

4 अरब रुपये का कोयला उत्खनन और ओबी हटाने का ठेका लिया

R.K.T.C कंपनी ने अमलाई OCM में लगभग 4 अरब रुपये का कोयला उत्खनन और ओबी हटाने का ठेका लिया हुआ है। मजदूरों का आरोप है कि कंपनी ने सुरक्षा उपकरण और साइट मॉनिटरिंग के बिना मशीन को खतरनाक ढलान क्षेत्र में चलाने का निर्देश दिया।

धनपुरी पुलिस और एसडीओपी ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। स्थानीय ग्रामीण और श्रमिक मांग कर रहे हैं कि कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक लापरवाही की कार्रवाई की जाए, ताकि अमलाई OCM को मौत का कुंआ बनने से रोका जा सके। 

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