CG News : अमित पांडेय, डोंगरगढ़. विश्व प्रसिद्ध माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर में आदिवासी समाज की कथित “पंचमी भेंट” परंपरा को लेकर उठे विवाद पर अब माहौल गरमाने लगा है. आख़िरकार लंबे समय बाद ट्रस्ट समिति ने इस मामले पर आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इसे हिंदू धर्म विरोधी तत्वों की साजिश बताया है. ट्रस्ट ने कहा है कि कुछ लोग सुनियोजित तरीके से समाज में भ्रम फैला रहे हैं और भोले-भाले लोगों को भड़काकर हिन्दू आस्था को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

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ट्रस्ट ने कहा कि “पंचमी भेंट” जैसी कोई परंपरा न तो कभी रही है और न ही स्वर्गीय राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह के काल में उसका कोई उल्लेख मिलता है. यदि ऐसा होता, तो उसका उल्लेख ट्रस्ट के 1971 में बने बायलाज में अवश्य होता. समिति ने कहा कि माँ बम्लेश्वरी मंदिर सभी समाजों की आस्था का केंद्र है और यहां हर वर्ग के लोग समान रूप से पूजा करते आए हैं. मंदिर की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखना हर श्रद्धालु का कर्तव्य है.

ट्रस्ट ने यह भी कहा कि 1964 में राजा विरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा गठित ट्रस्ट ने मंदिर के विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. ऊपरी और निचले मंदिर का विस्तार, धर्मशाला, चिकित्सालय, एंबुलेंस सेवा, स्वर्ग रथ और प्रशिक्षण केंद्र जैसी व्यवस्थाएं सर्व हिंदू समाज के सहयोग से संभव हुईं. समिति ने दोहराया कि ट्रस्ट के गठन के बाद से किसी पारंपरिक पूजन पद्धति को समाप्त नहीं किया गया है.

शनिवार को छिरपानी में ट्रस्ट समिति की एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें सर्व हिंदू समाज के प्रतिनिधियों, विभिन्न समाजों के प्रमुखों और माँ बम्लेश्वरी ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने मंदिर में जारी विवादित गतिविधियों के विरोध में एकजुट होकर बड़ा प्रदर्शन करने का निर्णय लिया.बैठक में तय किया गया कि 12, 13 और 14 अक्टूबर को अलग-अलग समाज अपनी बैठकें करेंगे और 16 अक्टूबर को सर्व हिंदू समाज के लोग एकत्रित होकर विशाल मार्च निकालेंगे. इस दौरान एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा और माँ बम्लेश्वरी मंदिर की पवित्रता को बचाने का संकल्प लिया जाएगा. ट्रस्ट ने प्रशासन से अपील की है कि धार्मिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले तत्वों पर कठोर कार्रवाई की जाए. समिति ने स्पष्ट कहा है कि माँ बम्लेश्वरी मंदिर पर किसी भी व्यक्ति या समूह के एकाधिकार के प्रयास को सर्व हिंदू समाज किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा.