रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में राज्य ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। सुशासन, पारदर्शिता और नवाचार के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने न केवल आवास निर्माण की गति बढ़ाई, बल्कि अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल भी कायम की है।

बता दें कि कलेक्टर कांफ्रेंस के दौरान यह जानकारी साझा की गई कि ग्रामीण PM आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ को पहले 18 लाख 12 हजार आवासों के निर्माण की मंजूरी मिली थी। योजना की शुरुआत से अब तक 22 महीनों में 7 लाख 17 हजार आवास पूरे किए जा चुके हैं। कुल मिलाकर 2016-25 तक की अवधि में स्वीकृत 16.50 लाख आवासों में से 34 प्रतिशत निर्माण पूरे हो चुके हैं। वहीं, 2016-25 में स्वीकृत आवासों में 78 प्रतिशत का निर्माण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है।
छत्तीसगढ़ ने औसत प्रतिदिन आवास पूर्णता में भी देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। राज्य सरकार ने सुशासन और नवाचार के जरिए आवास निर्माण में आने वाली आपत्तियों का तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया है। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के जल संचयन और भूमिगत जल स्रोतों को सुरक्षित रखने के लिए ‘मोर गांव, मोर पानी’ अभियान के तहत 1.5 लाख से अधिक आवासों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्लांट का निर्माण किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ की सफलता के मुख्य कारण:
सुशासन एवं नवाचार: आवास निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्ध कार्रवाई।
हेल्पलाइन और GIS आधारित गृह पोर्टल: आवासों की निगरानी और शिकायत निवारण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म।
आवास मित्र नेटवर्क: 5000 से अधिक आवास मित्र और रोजगार सहायकों ने निर्माण की गति बढ़ाई।
आजीविका के अवसर: 8000 से अधिक लाभार्थियों को निर्माण सामग्री और केंद्रिंग प्लेट की आपूर्ति से स्वरोजगार और लाखपति बनने का अवसर। CLF के माध्यम से 70 करोड़ रुपये से अधिक का आसान ऋण वितरण।
राजमिस्त्री प्रशिक्षण: R-SETI के माध्यम से 3000 से अधिक राजमिस्त्री प्रशिक्षित।
अटल डिजिटल सुविधा केंद्र: 4500 से अधिक ग्राम पंचायतों में PMAY-G के लाभार्थियों को किश्तों का भुगतान आसान। राज्य में प्रतिदिन लगभग 2000 आवासों का निर्माण।
मोर गाँव मोर पानी अभियान: 1.5 लाख से अधिक आवासों में 3000 रुपये से भी कम लागत में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम।
गौरतलब है कि राज्य सरकार के प्रयासों से छत्तीसगढ़ न केवल आवास निर्माण में बल्कि ग्रामीण विकास और जीवन स्तर सुधार में भी अग्रणी बन गया है। आने वाले दिनों में राज्य द्वारा अपनाई गई डिजिटल निगरानी, प्रशिक्षित कार्यबल और नवाचार मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H