पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने रविवार को सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान कर दिया। इस बार बीजेपी और जेडीयू को बराबर-बराबर 101-101 सीटें दी गई हैं, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLM) को मात्र 6-6 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

जेडीयू नहीं रहा बड़ा भाई

एनडीए की इस नई स्ट्रैटेजी में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि जेडीयू अब बड़े भाई की भूमिका में नहीं है। 2020 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू को अधिक सीटें दी गई थीं, लेकिन इस बार बीजेपी और जेडीयू दोनों 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इससे संकेत मिलता है कि गठबंधन में बीजेपी अब निर्णायक भूमिका में है। चिराग पासवान की पार्टी ने जहां 29 सीटों की मांग की थी, वह लगभग पूरी कर दी गई। वहीं 40 सीटों की डिमांड करने वाले जीतन राम मांझी को केवल 6 सीटें दी गईं। यह फैसला छोटे दलों की नाराजगी की वजह बनता दिख रहा है।

हम पांच पांडव हैं : दिलीप जायसवाल

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सीट बंटवारे की घोषणा के बाद कहा एनडीए पूरी एकजुटता के साथ चुनाव में उतर रहा है। हम पांच पांडव की तरह हैं और जीत निश्चित है। सीट बंटवारे की घोषणा कर दी गई है और आज शाम से प्रत्याशियों की सूची भी जारी की जाएगी।

प्रत्याशियों की सूची जल्द

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सीटों को लेकर पूरी तरह सहमति बन गई है। अब उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम चर्चा जारी है और जल्द ही NDA प्रत्याशियों की पूरी सूची सामने आएगी।

मांझी और कुशवाहा के तीखे बयान

हालांकि NDA नेतृत्व ने सब कुछ ‘सहमतिपूर्वक’ तय होने की बात कही है, लेकिन दो छोटे सहयोगी दलों के नेताओं ने सीट बंटवारे के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की है। जीतन राम मांझी ने कहा हमारी अहमियत कम आंकी गई असर NDA पर पड़ेगा HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कह आलाकमान का फैसला हमें स्वीकार है, लेकिन सिर्फ 6 सीट देकर हमारी अहमियत को कम आंका गया है। इसका असर NDA पर पड़ सकता है। शुरुआत में मांझी ने खुद को संतुष्ट बताया, लेकिन कुछ ही समय बाद तेवर बदलते नजर आए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मांझी का यह बयान आने वाले समय में NDA के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।

आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा

RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखकर कार्यकर्ताओं से माफी मांगी। उन्होंने लिखा आप सभी से क्षमा चाहता हूं। आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पाई। मैं समझ रहा हूं इस निर्णय से हजारों-लाखों समर्थक दुखी होंगे। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा। उन्होंने आगे लिखा: कुछ निर्णय ऐसे होते हैं जिनकी परिस्थितियां अंदर से ही समझ आती हैं। फिलहाल आपसे आग्रह है कि गुस्से को शांत होने दें समय बताएगा कि फैसला सही था या नहीं। उनका यह बयान पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच फैले असंतोष की झलक देता है।

NDA में आंतरिक दरार की आशंका?

हालांकि बीजेपी नेतृत्व गठबंधन की एकजुटता पर जोर दे रहा है, लेकिन सीट बंटवारे के तुरंत बाद सामने आए मांझी और कुशवाहा के तीखे बयान NDA के अंदर गहराई में चल रही खींचतान का संकेत दे रहे हैं। अगर समय रहते स्थिति को नहीं संभाला गया, तो यह अंदरूनी नाराजगी भविष्य में गठबंधन की मजबूती को प्रभावित कर सकती है।

अब नजरें प्रत्याशियों की सूची पर टिकीं

अब जब सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है तो सभी की नजरें प्रत्याशियों के नामों पर टिकी हैं। कुछ सीटों पर दावेदारों की लंबी कतार है, ऐसे में उम्मीदवारों की घोषणा आसान नहीं होगी। जिन सीटों पर अंदरखाने विरोध है वहां टिकट वितरण एक और राजनीतिक चुनौती बन सकता है।