पटना। बिहार की राजधानी पटना से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने सबको हैरत में डाल दिया है। दानापुर थाना क्षेत्र के ताराचक गांव में एक महिला ने अपने ही बेटे का अपहरण करवाकर पति से 21 लाख रुपये की फिरौती मांग ली। मगर पुलिस की तत्परता ने उसके इस पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया।

पति से पैसे निकालने के लिए बनाई साजिश

दानापुर निवासी सुनील मेहता आटा-चावल के व्यापारी हैं। शनिवार को उनका 11 वर्षीय बेटा अचानक लापता हो गया। बेटे की तलाश में परेशान पिता को कुछ ही देर बाद एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और उसे छुड़ाने के लिए 21 लाख रुपये देने होंगे। पुलिस को सूचना मिलते ही सिटी एसपी (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह के निर्देश पर एएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। थानेदार प्रशांत भारद्वाज और उनकी टीम ने मामले की गहराई से जांच शुरू की।

सीसीटीवी और कॉल लोकेशन ने खोला राज

जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स खंगाले। कॉल लोकेशन पटना सिटी के आलमगंज इलाके की निकली, जिससे शक गहराया। जब अंजू देवी से पूछताछ की गई तो वह गोलमोल जवाब देने लगीं। पुलिस ने तुरंत छापा मार कार्रवाई की और बच्चे को पटना सिटी स्थित मौसी के घर से सुरक्षित बरामद कर लिया।

परिवार के पांच सदस्य गिरफ्तार

पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अंजू देवी ने अपने मायके वालों के साथ मिलकर पूरा षड्यंत्र रचा था। मौसी संजू देवी मौसा पंकज कुमार मामा रोविंस कुमार और पड़ोसी अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार फिरौती का कॉल पड़ोसी अनिल कुमार ने ही किया था।

पति से पैसे लेकर मायके वालों की मदद का था प्लान

पुलिस जांच में सामने आया कि अंजू देवी अपने मायके की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने पति से पैसे निकलवाने का यह झूठा अपहरण ड्रामा रचा। उनकी योजना थी कि जैसे ही पति पैसे देंगे उसे मायके वालों के बीच बांट दिया जाएगा।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने बचाई जान

सिर्फ छह घंटे के भीतर पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया और पूरे षड्यंत्र का भंडाफोड़ कर दिया। अब सभी आरोपियों के खिलाफ साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। सिटी एसपी भानु प्रताप सिंह ने कहा किसी भी तरह की फिरौती या अपहरण की साजिश को पुलिस बर्दाश्त नहीं करेगी। दोषियों को जल्द ही कानून के हवाले किया जाएगा।