भारतीय सेना कश्मीर घाटी में इस सर्दी के लिए खास तैयारी कर रही है। अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह पहली सर्दी है, जिसमें आतंकियों की घुसपैठ बढ़ सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत कर रही है और नियंत्रण रेखा (LoC) के साथ प्रमुख मार्गों को सील कर दिया है और व्यापक अभ्यास शुरू किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, क्षेत्र में मौजूद सैनिकों को दोबारा से अलर्ट किया जा रहा है। बता दें कि, दशकों का रिकार्ड रहा है जब बर्फ की आड़ में भारत के भीतर पाकिस्तान से घुसपैठ होती आई है।
क्या है सर्दियों में खतरा?
कश्मीर घाटी में सर्दी यानी चुनौतियों का मौसम है। इसी मौसम में आतंकवादी बर्फ की चादरों के सहारे घुसपैठ की कोशिश करते हैं और अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। ऊंचे इलाकों पर पहुंचना दुर्गम होता है, जिसका फायदा उठाकर आतंकी पनाह लेते हैं। पिछली बार सर्दियों में आतंकियों ने आबादी वाले क्षेत्रों से दूर एक ठिकाना बनाया था, जबकि इस बार उनके 3-5 किलोमीटर के दायरे में 2 से 3 ठिकाने बनाने की संभावना है।
सर्दियों के बाद हुआ था पहलगाम हमला
इस साल 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी में हमला कर 26 पर्यटकों का धर्म पूछने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद भारत में काफी रोष दिखा, जिसके बाद भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। बताया जाता है कि पहलगाम हमले को अंजाम करने वाले आतंकी काफी समय से कश्मीर में ही छिपे थे।
क्या है तैयारी?
सेना आतंकवादियों की रणनीति को देखते हुए शीतकालीन सैनिक तैनात कर रही है। थर्मल इमेजर्स, उन्नत कैमरे और छोटे ड्रोन जैसी अतिरिक्त तकनीक का उपयोग होगा। तकनीकी खुफिया जानकारी के अलावा मानवीय खुफिया जानकारी लेने पर भी जोर रहेगा। नियंत्रण रेखा और भीतरी इलाकों में निगरानी बढ़ाने के साथ त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) की स्थापना होगी। पर्वतीय दर्रों पर सुरक्षा बढ़ेगी। प्रभावी सूचना साझाकरण के लिए सुरक्षा बलों और एजेंसियों के बीच समन्वय बेहतर किए जाएंगे। बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक शशांक आनंद ने कहा कि खुफिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी समूह मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारी नुकसान उठाने के बाद फिर से संगठित हो रहे हैं।
सर्दियों में कोहरा बड़ी चुनौती
आईजी शशांक आनंद ने कहा कि सर्दियों में कोहरा हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। हमारे जवान पूरी तरह सतर्क हैं। सर्दियों की रणनीति तैयार है और हम सीमा पार से आतंकवादियों की किसी भी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के लिए सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा रहे हैं।
आतंकियों को जवाब देने की पूरी छूट
आनंद ने आगे कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय सेना सीमा पार सभी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रख रही है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि वे ठिकाने बदल रहे हैं और फिर से संगठित हो रहे हैं, और हम कार्रवाई के लिए तैयार हैं।” आनंद ने चेतावनी दी, “जबकि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम समझौता लागू है, अगर विदेशी आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश की गई, तो हम चुप नहीं रहेंगे। सरकार ने हमें गोले का जवाब गोली से देने की पूरी छूट दी है, और हमारे जवान इस बात से वाकिफ हैं।
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