Celeb’s Diwali: मुंबई। रोशनी, खुशियों और एकजुटता का पर्व दिवाली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि परिवार, परंपरा और आत्मीयता का उत्सव है. इसी भावना को जीते हुए सोनी सब के लोकप्रिय कलाकारों ने इस साल अपनी दिवाली की प्यारी यादें और पारिवारिक परंपराएं साझा की हैं, जिनमें बचपन की मिठास, दादी की रसोई की खुशबू और परिवार के साथ बिताए अमूल्य पल झलकते हैं.

श्रेनु पारिख : “दिवाली मेरे लिए एकजुटता और परंपरा का प्रतीक है”

‘गाथा शिव परिवार की गणेश कार्तिकेय’ में माता पार्वती का किरदार निभा रहीं श्रेनु पारिख ने कहा- “दिवाली हमेशा से परिवार और परंपरा का प्रतीक रही है. मुझे आज भी याद है दादा-दादी के घर दिवाली मनाना- मामा पटाखे लाते थे, घर में मगज, घुघरा और बूंदी जैसी मिठाइयों की खुशबू फैल जाती थी. धनतेरस की पूजा से लेकर रंगोली बनाने तक हर रस्म मेरे दिल के करीब है. इस साल जब मैं माता पार्वती की भूमिका निभा रही हूँ, तो ये त्योहार और भी दिव्य महसूस होता है- जैसे प्रकाश का उत्सव जीवन को दिशा दे रहा हो.”

गरिमा परिहार : “दादी के हाथों के लड्डू और बचपन की रंगोली आज भी याद है”

‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में दीप्ति की भूमिका निभा रहीं गरिमा परिहार ने बताया- “दिवाली मुझे हमेशा बचपन में ले जाती है. हम कज़िन्स रंगोली बनाते, फुलझड़ियाँ जलाते और आसमान को रोशनी से भर देते थे. मेरी दादी के बनाए लड्डू आज भी घर की याद दिला देते हैं. उम्र बढ़ गई है, पर दिवाली का वो बचपन वाला उत्साह कभी नहीं गया.”

समृद्ध बावा : “मां के साथ गुझिया बनाना और आरती करना अब भी परंपरा है”

‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में अश्विन का किरदार निभा रहे समृद्ध बावा ने कहा- “मेरे लिए दिवाली रोशनी, स्वादिष्ट भोजन और हँसी का त्योहार है. पहले माँ के साथ गुझिया बनाता था और घर की सफाई में मदद करता था. अब भी चाहे शूट कितना भी व्यस्त हो, परिवार और दोस्तों संग आरती करना नहीं भूलता. यह त्योहार हमेशा दिल में गर्माहट और सकारात्मकता भर देता है.”

नेहा एस.के. मेहता : “दिवाली का अर्थ है ठहरना और परंपराओं का सम्मान करना”

‘इत्ती सी खुशी’ में हेतल का किरदार निभा रहीं नेहा एस.के. मेहता ने कहा- “वडनगर में हमारी दिवाली साधारण लेकिन बेहद आत्मीय होती थी- घर सजाना, पूजा करना, मिठाइयाँ बाँटना और पड़ोसियों संग हँसी-मज़ाक करना. दिवाली सिर्फ दीये और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह कृतज्ञता और जीवन के असली मूल्यों को जीने का समय है.”

ऋषि सक्सेना : “छत पर पटाखे छोड़ना और परिवार संग पूजा करना आज भी याद है”

‘इत्ती सी खुशी’ में संजय की भूमिका निभा रहे ऋषि सक्सेना ने कहा- “मेरे लिए दिवाली आत्मचिंतन और जुड़ाव का पर्व है. परिवार संग लक्ष्मी पूजा के बाद छत पर जाकर पटाखे छोड़ना मेरे बचपन की सबसे प्यारी याद है. आज भी मैं दिवाली को सादगी से मनाना पसंद करता हूँ- दिये जलाकर, मिठाइयाँ बाँटकर और अपनों के साथ वक्त बिताकर.”