दिल्ली दंगा मामले में बंद शरजील इमाम ने बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। शरजील इमाम ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की है। बता दें कि साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के बाद शरजील इमाम को गिरफ्तार किया गया था और यूएपीए के तहत जेल में बंद किया गया था।

शरजील इमाम ने दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में याचिका दायर करते हुए तर्क रखा है कि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है कि वह चुनाव लड़ सकें। बताते चलें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इसी तरह से अमृतपाल सिंह और राशिद इंजीनियर ने जेल में रहते हुए ही लोकसभा का चुनाव लड़ा था और दोनों चुनाव जीत गए थे। अमृतपाल सिंह को भी UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था। अब अमृतपाल और राशिद इंजीनियर दोनों ही लोकसभा के सांसद हैं।

खालिद, इमाम और बाकी आरोपियों पर फरवरी 2020 के दंगों के कथित मास्टरमाइंड होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हुए थे। सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। आरोपी 2020 से जेल में हैं।

जेल से चुनाव जीतते रहे हैं नेता

रिपोर्ट के मुताबिक, शरजील इमाम बिहार की बहादुरगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। फिलहाल, वह किसी भी पार्टी से नहीं जुड़े हैं और उम्मीद है कि वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उम्मीद है कि एक-दो दिन में इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है। हालांकि, आपको यह भी बता दें कि चुनाव लड़ने के लिए जमानत दिया जाना अनिवार्य नहीं है। पूर्व में भी कई नेता जेल से ही विधानसभा और लोकसभा के चुनाव लड़ते रहे हैं। कई नेता जेल के अंदर से ही चुनाव जीत भी चुके हैं।

क्यों गिरफ्तार हुए थे शरजील इमाम?

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र शरजील इमाम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वह भाषण देते आ रहे हैं। बताया गया कि यह वीडियो 16 जनवरी 2020 का है, जब वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भाषण दे रहे थे। आरोप है कि शरजील इमाम ने भारत के चिकेन नेक कॉरिडोर को ब्लॉक करने और पूर्वोत्तर भारत को बाकी भारत से काट देने के लिए लोगों को उकसाया था।

यह भाषण सीएए-एनआरसी आंदोलन के संबंध में दिया था। इसी भाषण के आधार पर दिल्ली पुलिस ने उन पर आपराधिक साजिश, राजद्रोह और धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप लगाए। इसी के चलते भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए और 505 के तहत केस मुकदमा दर्ज किया।

असम पुलिस ने शरजील इमाम के भाषणों के चलते ही UAPA के तहत केस दर्ज किया था। 28 जनवरी 2020 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था। बता दें कि शरजील इमाम JNU में मॉडर्न हिस्ट्री की पढ़ाई कर रहे थे। इससे पहले वह IIT मुंबई से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई भी कर चुके थे। वह जेडीयू के नेता रहे अकबर इमाम के बेटे हैं और उनका घर जहानाबाद के काको में है। हालांकि, लंबे समय से शरजील का परिवार पटना में ही रहता रहा है।

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