कुंदन कुमार/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जहां एक ओर एनडीए ने सीटों का बंटवारा कर लिया है, वहीं दूसरी ओर इस बंटवारे ने नए विवादों को जन्म दे दिया है। खासकर जदयू और लोजपा (रामविलास) के बीच कुछ सीटों को लेकर खींचतान तेज हो गई है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में जदयू को मिली 101 सीटों में से 9 सीटों के बंटवारे से असंतुष्ट हैं और उन्होंने इन सीटों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
नीतीश कुमार की नाराजगी के केंद्र में 9 सीटें
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही अपनी पार्टी के लिए 103 सीटों का दावा ठोंक रखा था, लेकिन एनडीए की ओर से घोषित बंटवारे में जदयू को केवल 101 सीटें दी गईं, जिनमें 9 ऐसी सीटें भी शामिल हैं जिन्हें लेकर जदयू नेतृत्व नाखुश है। बताया जा रहा है कि इनमें से कई सीटें पहले लोजपा (रामविलास) को आवंटित की गई थीं। नीतीश कुमार का मानना है कि जहां उनकी पार्टी पारंपरिक रूप से मजबूत रही है, उन सीटों पर टिकट का बंटवारा जदयू के पक्ष में ही होना चाहिए।
अमित शाह के पटना आने की संभावना
सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस पूरे विवाद को शांत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (मंगलवार) पटना आ सकते हैं। हालांकि, उनकी यात्रा को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं को पटना में सक्रिय देखा जा रहा है।
सोनबरसा सीट को लेकर टकराव
जदयू और लोजपा (रामविलास) के बीच टकराव का सबसे बड़ा उदाहरण सोनबरसा विधानसभा सीट है। यहां से जदयू विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को पार्टी ने फिर से टिकट दिया है जबकि एनडीए की साझा सूची में यह सीट लोजपा (रा.) के हिस्से में गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को रत्नेश सदा को स्वयं पार्टी का सिंबल सौंपा जो यह दर्शाता है कि जदयू अपने निर्णयों पर अडिग है। रत्नेश सदा मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे।
राजगीर सीट पर भी तकरार, जदयू सख्त
सिर्फ सोनबरसा ही नहीं, राजगीर सीट को लेकर भी जदयू और लोजपा (रा.) के बीच तनातनी है। पिछली बार इस सुरक्षित सीट से जदयू के कौशल किशोर चुनाव जीते थे। अब इस सीट को लोजपा (रा.) के खाते में डाले जाने की चर्चा पर जदयू भड़क गया है। नीतीश कुमार ने इस पर सख्त नाराजगी जताई और अपने नेताओं से स्पष्ट कहा कि यह कैसे हुआ इसे ठीक करिए।
देर रात हुई मैराथन बैठक
इस विवाद के बाद जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा के आवास पर सोमवार देर रात जदयू और बीजेपी नेताओं की लंबी बैठक चली। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार ने अपने नेताओं को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से सीधे संवाद करने का निर्देश दिया है ताकि विवाद का समाधान निकल सके।
BJP ने 48 उम्मीदवारों को दी हरी झंडी
जहां एक ओर जदयू असमंजस में है वहीं बीजेपी ने अपने 48 उम्मीदवारों को नामांकन की अनुमति दे दी है। सोमवार को पार्टी के 45 से अधिक प्रत्याशियों को पर्चा दाखिल करने का निर्देश मिला है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार पटना सिटी के विधायक नंद किशोर यादव और कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार का टिकट काट दिया गया है। कुम्हरार से संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया गया है। अरुण कुमार ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे जबकि नंद किशोर यादव अब भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनके स्थान पर रत्नेश कुशवाहा का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
सम्राट चौधरी तारापुर से भरेंगे नामांकन
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस बार तारापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वे 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे नामांकन दाखिल करेंगे। उनके नामांकन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य कई बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। यह जानकारी सम्राट चौधरी के भाई रोहित चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि नामांकन के दिन लगभग 15,000 समर्थक मौजूद रहेंगे और इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
मोकामा से अनंत सिंह लड़ेंगे चुनाव
जदयू ने अपनी उम्मीदवार सूची तैयार कर ली है। चर्चित बाहुबली नेता अनंत सिंह को मोकामा सीट से टिकट दिया गया है। वे 14 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। अनंत सिंह पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं और इस बार भी जदयू ने उन पर भरोसा जताया है।
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