कान की देखभाल करना बहुत जरूरी है, खासकर जब आजकल के दौर में लोग घंटों तक ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं या मोबाइल पर बात करते रहते हैं. इससे कानों में दर्द, खुजली, सूजन और यहां तक कि संक्रमण की समस्या भी हो सकती है. ऐसे में आयुर्वेदिक उपाय जैसे जैतून का तेल और टी ट्री ऑयल बहुत फायदेमंद हो सकते हैं. जैतून का तेल और टी ट्री ऑयल दोनों में ही प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और सूजन-रोधी गुण पाए जाते हैं, जो कान की सफाई और संक्रमण से राहत के लिए उपयोगी हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.

जैतून के तेल और टी ट्री ऑयल के फायदे
जैतून का तेल
- कान की खुजली में राहत देता है.
- वैक्स को नरम करता है, जिससे सफाई आसान हो जाती है.
- कान की सूजन और जलन को कम करता है.
- इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण कान को संक्रमण से बचाते हैं.
कैसे इस्तेमाल करें
थोड़ा सा जैतून का तेल हल्का गुनगुना करें. ड्रॉपर या कॉटन की मदद से 2-3 बूंद कान में डालें. 5-10 मिनट तक सिर को तिरछा रखें. फिर कान को हल्के हाथों से साफ करें.
टी ट्री ऑयल
- इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं.
- संक्रमण, फंगल ग्रोथ और कान की बदबू से राहत मिलती है.
- खुजली और सूजन को शांत करता है.
कैसे इस्तेमाल करें
टी ट्री ऑयल को सीधे कान में कभी भी ना डालें. 1-2 बूंद टी ट्री ऑयल को 1 चम्मच कोकोनट ऑयल या ऑलिव ऑयल में मिलाएं. इस मिश्रण को कॉटन बॉल में लगाएं और कान के बाहरी हिस्से पर धीरे-धीरे लगाएं. अंदर डालने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
सावधानियाँ
- अगर कान से पानी, खून या मवाद आ रहा है तो घर में कोई भी तेल न डालें. तुरंत डॉक्टर से मिलें.
- कानों की परमानेंट समस्या या दर्द बना रहे, तो आयुर्वेदिक वैद्य या ENT विशेषज्ञ से परामर्श लें.
- बच्चों के कानों में ये उपाय बिना सलाह के न अपनाएं.
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