चाशनी में डूबी हुई चंद्रकला गुझिया सच में स्वाद और रिश्तों दोनों में मिठास घोल देती है. दीवाली जैसे खास मौके पर जब हर घर में रौशनी और मिठास की जरूरत होती है, तब चंद्रकला गुझिया एक परफेक्ट मिठाई बन जाती है. इसकी खासियत इसकी कुरकुरी परत और अंदर भरे हुए सूखे मेवे और खोये का लाजवाब मिश्रण है, जिसे ऊपर से शक्कर की चाशनी में डुबोकर परोसा जाता है. तो चलिए जानते हैं चंद्रकला गुझिया बनाने की आसान रेसिपी.

सामग्री

मैदा – 2 कप
घी – 4 टेबलस्पून (मोयन के लिए)
पानी – आवश्यकतानुसार (आटा गूंथने के लिए)
मावा / खोया – 1 कप (भुना हुआ)
पिसी चीनी – ½ कप
बारीक कटे मेवे – 2 टेबलस्पून (काजू, बादाम, पिस्ता)
किशमिश – 1 टेबलस्पून
नारियल का बूरा – 2 टेबलस्पून
इलायची पाउडर – ½ टीस्पून
चीनी – 1 कप
पानी – ½ कप
केसर के धागे या गुलाब जल – 1 टीस्पून (खुशबू के लिए)
नींबू का रस – ½ टीस्पून
घी / रिफाइंड तेल – तलने के लिए

विधि

  1. सबसे पहले मैदे में घी डालें और हाथों से मसलें. अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथ लें. गीले कपड़े से ढककर 20–30 मिनट के लिए रख दें.
  2. मावा को हल्का भून लें जब तक हल्का सुनहरा न हो जाए. ठंडा होने के बाद उसमें पिसी चीनी, मेवे, किशमिश, नारियल और इलायची मिलाएं. सब कुछ अच्छे से मिक्स करें और अलग रख दें.
  3. चीनी और पानी को उबालें. केसर या गुलाब जल और नींबू का रस डालें. एक तार की चाशनी तैयार करें (उंगली और अंगूठे के बीच चिपकने लगे तो तैयार है). गैस बंद करके हल्का गर्म रखें.
  4. आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और पूरियों की तरह बेल लें. एक पूड़ी पर भरावन रखें, दूसरी पूड़ी से ढंक दें. किनारों को हल्के पानी से चिपकाएं और सुंदर पैटर्न में मोड़ दें (या कांटे से दबाएं).
  5. मध्यम गर्म घी में गुझिया को धीमी आंच पर सुनहरा तलें. जब कुरकुरी हो जाएं, निकाल लें.
  6. गरम गुझियों को तैयार चाशनी में 2–3 मिनट डुबोकर निकाल लें. ठंडा होने पर ऊपर से कटे मेवे से सजाएं. ठंडी या हल्की गरम चंद्रकला गुझिया को परोसें. आप इन्हें एयरटाइट डिब्बे में 4–5 दिन तक स्टोर भी कर सकते हैं.