हेमंत शर्मा, चंदेरी/अशोकनगर। दीपावली के ठीक पहले नगर पालिका परिषद चंदेरी में 153 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नौकरी से बर्खास्तगी ने बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने अब एक चौंकाने वाला कदम उठाया और जिला कलेक्टर को सामूहिक धर्म परिवर्तन की अनुमति देने की मांग की है।

राजनीतिक दबाव-पक्षपात का आरोप

कर्मचारियों ने अपने पत्र में लिखा है कि वे 10 साल से ज्यादा से नगर पालिका में सेवा दे रहे थे, लेकिन विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी, अध्यक्ष दशरथ कोली और उपाध्यक्ष के दबाव में 12 पार्षदों ने उनके हटाने का प्रस्ताव पास कर दिया। जबकि सिर्फ 4 पार्षद उनके पक्ष में थे। कर्मचारियों का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक दबाव और पक्षपात में लिया गया है। उनका आरोप है कि दीपावली जैसे पर्व पर उन्हें बेरोजगार कर दिया गया, जिससे उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

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आक्रोशित कर्मचारी बोले- सामूहिक धर्म परिवर्तन करेंगे

आक्रोशित कर्मचारियों ने कहा कि “हम सनातन धर्म के अनुयायी हैं, लेकिन अब उसी समाज के ठेकेदारों ने हमें दीपावली पर सड़क पर ला दिया। भूख, अपमान और अन्याय ने हमें धर्म परिवर्तन पर मजबूर कर दिया है। अगर शासन 10 दिनों में न्याय नहीं देता, तो हम सामूहिक धर्म परिवर्तन करेंगे।”कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि जो लोग खुद को ‘हिंदू हितैषी’ बताते हैं, वही अब हिंदू कर्मचारियों के रोजगार और सम्मान के सबसे बड़े दुश्मन बन बैठे हैं।

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कलेक्टर को भेजे गए इस पत्र ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। अब देखना यह होगा कि अशोकनगर प्रशासन और राज्य सरकार इस गंभीर मामले पर क्या कदम उठाती है, क्योंकि मामला अब सिर्फ रोजगार का नहीं, बल्कि आस्था और सम्मान के संकट में बदल चुका है।

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