प्रतीक चौहान. रायपुर. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज में छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी संघ-महासंघ द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में की जा रही हड़ताल के खिलाफ कंपनी प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों की अनुपस्थिति को ‘ब्रेक इन सर्विस’ घोषित किया जाएगा, जिससे उनका वेतन कटौती होगी और सेवा में ब्रेक माना जाएगा. मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) ट्रांसमिशन ए.एम. परियल द्वारा जारी परिपत्र में तीनों पावर कंपनियों के विभाग प्रमुखों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

परिपत्र के अनुसार, सामूहिक अवकाश या हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों के अनधिकृत अनुपस्थिति के दिनों का वेतन देय नहीं होगा. ऐसे कृत्यों को प्रबंधन द्वारा कदाचरण की श्रेणी में रखा जाएगा और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. हड़ताल में शामिल होना या दूसरों को उकसाना दीर्घ दुराचरण माना जाएगा, जिस पर कड़ी सजा हो सकती है.
मुख्य अभियंता एएम परियल ने बताया कि विभाग प्रमुखों को हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की सूची तैयार कर मानव संसाधन विभाग को तुरंत सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, कार्य प्रभावित न हो इसके लिए उपलब्ध संसाधनों और कर्मियों से सेवाओं का संचालन सुनिश्चित करने को कहा गया है.