नुआपाड़ा। नुआपाड़ा उपचुनाव के लिए सोमवार से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन दोनों प्रमुख दलों भाजपा और बीजद ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है। चूंकि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए उसके उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में देरी होना कोई असामान्य बात नहीं है।

इस संबंध में निर्णय पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ही लेगा। लेकिन बीजद एक क्षेत्रीय पार्टी है और 24 वर्षों से राज्य में सत्ता में है। यह कहा जा सकता है कि अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में देरी के पीछे कोई न कोई समस्या या दुविधा ज़रूर है। ऐसा लग रहा है कि भाजपा द्वारा अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद ही बीजद अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी।
अगर जय ढोलकिया भाजपा के उम्मीदवार बनते हैं, तो चर्चा है कि बीजद के पास उनका मुकाबला करने के लिए कोई उम्मीदवार नहीं है। भाजपा अब सत्तारूढ़ और कैडर आधारित पार्टी है। आरएसएस और उसके अन्य संगठनों के लोग भी भाजपा के लिए काम करेंगे। दूसरी ओर, दिवंगत राजेंद्र ढोलकिया का पारंपरिक वोट बैंक और उनके स्वैच्छिक कार्यों से जुड़े समर्थकों की संख्या पर्याप्त है, जिससे भाजपा को जीत मिलने की उम्मीद है। इसलिए कहा जा रहा है कि बीजद नेताओं को हार का डर सता रहा है। यह अलग बात है कि दिवंगत राजेंद्र ढोलकिया के बेटे जय ढोलकिया के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी किसे मैदान में उतारेगी, इस पर अभी कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है।
हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं के चुनाव लड़ने में रुचि रखने की खबर है। नुआपड़ा बीजद नेता बिंद्याश्वरी साहू, नुआपड़ा एनएसी के अध्यक्ष मोहम्मद आदम, बीजद के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज मिश्रा और आदिवासी कल्याण संघ के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह माझी के दौड़ में होने की खबर है।
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