गाजा में संघर्षविराम के बीच हालात एक बार फिर तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं। हमास ने सड़कों पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने के लिए अभियान शुरू किया है, जिसके दौरान उसके लड़ाकों ने कई संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया। संगठन का दावा है कि यह कदम कानून-व्यवस्था बहाल करने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कार्रवाई संघर्षविराम की स्थिरता को कमजोर कर सकती है। स्थानीय स्तर पर कुछ लोगों ने इस कदम को राहत देने वाला बताया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता है कि हमास के हथियार न डालने के फैसले से शांति प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमास ने कुछ ‘बुरे गिरोहों’ को खत्म किया है और “इससे मुझे कोई आपत्ति नहीं” जैसी टिप्पणियाँ कीं, साथ ही उन्होंने दोहराया कि हमास को अपना हथियार छोड़ना होगा — और अगर वे स्वयं नहीं करेंगे तो अमेरिका (या अंतरराष्ट्रीय गठन) उन्हें निहत्था कर देगा। यह आदेश-सा गहरा दबाव है क्योंकि ट्रम्प के मध्यस्थता वाले संघर्षविराम/शांति प्रस्ताव में हमास की निरस्त्रीकरण और सत्ता की अस्थायी अंतरराष्ट्रीय निगरानी को सौंपने जैसी शर्तें शामिल हैं, पर वह प्रक्रिया अभी पूरी या लागू नहीं हुई है।

गाजा में हालात अब भी बेहद अस्थिर बने हुए हैं। इज़रायल के हमलों के बाद बीते महीनों में क्षेत्र की कानून-व्यवस्था लगभग ढह गई थी। हमास के सुरक्षा बलों के हटने के बाद स्थानीय गिरोहों और प्रभावशाली परिवारों ने सत्ता का खालीपन भरने की कोशिश की। इन समूहों पर मानवीय सहायता लूटने, कालाबाजारी करने और आम लोगों पर अत्याचार करने के आरोप लगे हैं।

इसी पृष्ठभूमि में, पिछले हफ्ते हमास ने डॉगमश परिवार से जुड़े एक सशस्त्र गिरोह पर बड़ा अभियान चलाया। बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में करीब दो दर्जन लोग मारे गए, जिनमें एक स्थानीय पत्रकार और हमास के एक वरिष्ठ नेता का बेटा भी शामिल था। इस घटना ने गाजा में राजनीतिक और सामाजिक तनाव को और बढ़ा दिया है।

संघर्षविराम के बावजूद हमास द्वारा चलाए जा रहे नियंत्रण अभियान ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ा दी है। हमास से जुड़े टेलीग्राम चैनलों ने दावा किया है कि हाल ही में मारे गए लोग “सहयोगी और गद्दार” थे जो कथित तौर पर इज़रायल से मिले हुए थे।

इस बीच, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में हमास के सशस्त्र बलों को आठ लोगों को सरेआम गोली मारते हुए देखा गया है। यह वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित हुआ है और इससे क्षेत्र में भय और आक्रोश दोनों फैल गए हैं। घटना पर मानवाधिकार संगठनों अल मेजान सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स और पैलेस्टीनियन इंडिपेंडेंट कमीशन फॉर ह्यूमन राइट्स  ने कड़ी निंदा की है।

हमास द्वारा सड़कों पर नियंत्रण स्थापित करने के अभियान ने स्थानीय समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। कई नागरिकों ने इसे सामान्य जीवन की शुरुआत बताया है। उत्तरी गाजा के एक स्वास्थ्यकर्मी सईद अबू एलाइश ने कहा, “हमने दो साल बाद पुलिस को सड़कों पर देखा है। कुछ सुरक्षा लौटती दिख रही है।” स्थानीय लोगों के लिए यह दृश्य लंबे समय बाद किसी व्यवस्था की वापसी का प्रतीक माना जा रहा है।

हालांकि, इस बीच इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि अगर हमास ने शांतिपूर्ण तरीके से अपने हथियार नहीं डाले, तो सैन्य कार्रवाई दोबारा शुरू की जा सकती है। नेतन्याहू का यह बयान संकेत देता है कि मौजूदा संघर्षविराम अभी बेहद नाजुक और अस्थायी स्थिति में है।

गाजा में संघर्षविराम के बाद जारी सत्ता पुनर्स्थापन की प्रक्रिया अब एक नए चरण में प्रवेश करती दिख रही है। हमास के गृह मंत्रालय ने एक सप्ताह के लिए आम माफी की घोषणा की है। बयान में कहा गया है कि जिन गिरोह सदस्यों का हाथ हत्या या गंभीर अपराधों में नहीं है, वे आत्मसमर्पण कर अपना रिकॉर्ड साफ कर सकते हैं। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि “कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक सुरक्षा या नागरिकों के अधिकारों से खिलवाड़ नहीं करेगा — यह अंतिम चेतावनी है।”

इसके साथ ही, हमास ने संकेत दिया है कि वह रॉकेट जैसे आक्रामक हथियार सौंपने पर विचार कर सकता है, लेकिन आत्मरक्षा के लिए हल्के हथियार रखना चाहता है। इस रुख से स्पष्ट है कि संगठन पूरी तरह निरस्त्रीकरण के लिए अभी तैयार नहीं है।

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