Global Gold Price: ग्लोबल मार्केट में सोने ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. हाजिर भाव पहली बार 4185 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गया है, जो पिछले सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ता है. इस ऐतिहासिक छलांग के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस वर्ष ब्याज दरों में अतिरिक्त कटौती की संभावना.
अमेरिका-चीन के बीच चल रहे तनाव ने निवेशकों को सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर मोड़ दिया है. ऐसे में सोना, जो परंपरागत रूप से संकट काल में सुरक्षित निवेश माना जाता है, उसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. साथ ही, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने अक्टूबर के अंत में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती के संकेत दिए हैं, जिससे सोने की चमक और बढ़ गई है.
ब्याज दरों में कटौती से अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड कम हो जाती है, जिससे निवेशक सोने-चांदी जैसे धातुओं में निवेश करना पसंद करते हैं. इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों की ओर से बड़े पैमाने पर खरीदारी, अमेरिकी सरकार के संभावित शटडाउन का डर, और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में निवेशकों की बढ़ती रुचि ने भी सोने की मांग को प्रोत्साहित किया है.
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ट्रंप का नया बयान और US-चीन तनाव (Global Gold Price)
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ खाद्य तेल के व्यापार को बंद करने की घोषणा की है, जिसने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है. इस कदम से अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड संबंधों में फिर से खटास आई है, जिससे सोने की मांग और मजबूती पकड़ रही है.
चीन ने 1 नवंबर से रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इसके जवाब में अमेरिका ने चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की योजना बनाई है, जिससे दोनों देशों के बीच ट्रेड युद्ध और गहरा गया है. चीन ने भी कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है, जो वैश्विक आर्थिक स्थिति को और अस्थिर कर सकता है.
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चांदी के दामों में तेजी के कारण (Global Gold Price)
सोने की तरह ही चांदी के दामों में भी तेजी देखी जा रही है. मंगलवार को चांदी का हाजिर भाव 53.54 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर को पार गया, हालांकि बाद में इसमें कुछ गिरावट आई. लंदन में चांदी की लिक्विडिटी में कमी ने सप्लाई को प्रभावित किया है, जिससे कीमतें और बढ़ी हैं.
अमेरिकी प्रशासन की ओर से चांदी, प्लेटिनम और पैलेडियम जैसे खनिजों को लेकर जो सेक्शन 232 जांच चल रही है, उसके खत्म होने से पहले ट्रेडर्स चिंतित हैं. इस जांच ने ट्रेडर्स के मन में यह डर जगा दिया है कि भविष्य में इन धातुओं पर नए टैरिफ लागू हो सकते हैं, जो बाजार की अनिश्चितता को और बढ़ाता है.
विश्व बाजार में कई बड़े कारक मिलकर सोने और चांदी की कीमतों को ऊपर धकेल रहे हैं. फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती की संभावनाएं, US-चीन के बढ़ते तनाव, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और बाजार की अनिश्चितताएं इन धातुओं को निवेशकों के लिए और आकर्षक बना रही हैं. इस फेस्टिव सीजन में सोने और चांदी में निवेश करने वाले निवेशकों को ये ट्रेंड ध्यान में रखना चाहिए.
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