Lalluram Desk. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को घोषणा की कि वह नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि यह फैसला उनकी पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है.

किशोर ने समाचार एजेंसी को साक्षात्कार में बताया, “यह फैसला हमने पार्टी के व्यापक हित में लिया है. अगर मैं चुनाव लड़ता, तो इससे मेरा ध्यान ज़रूरी संगठनात्मक कार्यों से हट जाता.”

किशोर ने यह भी कहा कि सामूहिक फैसले के कारण ही उनकी पार्टी ने बिहार की राघोपुर सीट से राजद के तेजस्वी यादव के खिलाफ एक और उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि राघोपुर में प्रशांत किशोर बनाम तेजस्वी यादव का मुकाबला होगा, लेकिन जन सुराज पार्टी ने इस सीट से एक स्थानीय व्यवसायी चंचल सिंह को मैदान में उतारा है.

किशोर ने कहा, “अगर जन सुराज पार्टी बिहार चुनाव जीतती है, तो इसका देशव्यापी प्रभाव पड़ेगा. राष्ट्रीय राजनीति का रुख एक अलग दिशा में जाएगा.”

किशोर ने आगामी चुनावों में अपनी पार्टी की संभावनाओं पर भी भरोसा जताया और कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि यह मुकाबला या तो पार्टी के लिए बड़ी जीत होगी या पूरी तरह से हार.

उन्होंने कहा, “मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मैं लगातार कहता रहा हूँ कि मुझे या तो 10 से कम सीटें या 150 से ज़्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है. इन दोनों के बीच कोई संभावना नहीं है.”

साक्षात्कार के दौरान, प्रशांत किशोर से यह भी पूछा गया कि बिहार में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में आप किसका साथ देंगे, एनडीए का या इंडिया ब्लॉक का.

इस सवाल का जवाब देते हुए, किशोर ने कहा कि खंडित जनादेश असंभव है. हालाँकि, उन्होंने आगे कहा, “150 से कम सीटें, चाहे 120 या 130 ही क्यों न हों, मेरे लिए हार होगी. अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो हमें बिहार को बदलने और इसे देश के 10 सबसे उन्नत राज्यों में शुमार कराने का जनादेश मिलेगा. अगर हम अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि लोगों ने हम पर पर्याप्त भरोसा नहीं दिखाया है, और हमें अपनी समाज और सड़क की राजनीति जारी रखनी होगी.”

प्रशांत किशोर की पार्टी ने अब तक तीन उम्मीदवारों की सूची जारी की है. 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी.