दुनिया भर में हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) मनाया जाता है. साल 1945 में स्थापना की तिथि के सम्मान में यह वार्षिक उत्सव मनाया जाता है. FAO ने साल 1981 से हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाने का निर्णय लिया. इस दिन को लॉन्च करने और मनाए जाने के मुख्य कारण दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को सुरक्षित और उन्नत करना है खासकर संकट के दिनों में.

बता दें कि विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) का वार्षिक उत्सव खाद्य और कृषि के महत्व को दर्शाता है. यह दुनिया भर में सरकारों द्वारा लागू प्रभावी कृषि और खाद्य नीतियों की महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि दुनिया भर में हर किसी के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो.
भारत में यह दिवस कृषि के महत्व को दर्शाता है और इस तथ्य पर बल देता है कि भारतीयों द्वारा उत्पादित और उपभोग किया जाने वाला भोजन सुरक्षित और स्वस्थ है. भारत विविध संस्कृति और परंपरा का एक विशाल देश है. यह परंपरा अलग-अलग राज्य के हिसाब से भिन्न-भिन्न होती है और प्रत्येक राज्य में विभिन्न त्यौहारों को अलग-अलग शैलियों में मनाया जाता है, लेकिन हर उत्सव में भोजन आम तत्व होता है.
खाद्य पदार्थों की किस्मों को परिवारों और दोस्तों के बीच अनुष्ठानों के रूप में तैयार, खाया और वितरित किया जाता है. विवाह भारतीयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण अवसरों में से एक है जहाँ विभिन्न खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं और बचा हुआ खाना व्यर्थ हो जाता है. इस तरह के परिवारों को अतिरिक्त भोजन सुरक्षित रखना चाहिए और गरीबों और जरूरतमंद लोगों में इसे वितरित करना चाहिए. यह कदम बहुत अंतर उत्पन्न कर देगा क्योंकि कोई भूखा नहीं सोएगा और भोजन भी व्यर्थ नहीं रहेगा.
निजी कंपनियां और सरकारी संगठन एक ऐसी योजना चला सकते हैं जहां उन कर्मचारियों के वेतन से कुछ प्रतिशत वेतन काट लिया जा सकेगा जो स्वैच्छिक रूप से खाद्य बैंक के लिए दान करना चाहते हैं और प्राकृतिक आपदाओं, विपत्तियों आदि के समय में इस इकट्ठा किए गए धन का उपयोग किया जा सकेगा.
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