पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी अपने चरम पर है और राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों के चयन को लेकर कमर कस ली है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी है और एनडीए के अहम घटक दल के रूप में सभी 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। पार्टी ने अब तक तीन सूचियां जारी की हैं, जिनमें कुल 101 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। तीसरी और अंतिम सूची गुरुवार को जारी की गई, जिसमें 18 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इससे पहले पहली सूची में 71 और दूसरी में 12 नामों की घोषणा की गई थी।

कड़ी टक्कर देने की तैयारी में NDA

बीजेपी इस बार का चुनाव अपने सहयोगी दलों जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास गुट), राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के साथ मिलकर लड़ रही है। एनडीए का यह गठबंधन राज्य में विपक्षी दलों खासकर महागठबंधन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार उम्मीदवारों के चयन में जातीय संतुलन, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और संगठन के प्रति निष्ठा जैसे मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है। युवा चेहरों के साथ-साथ अनुभवी नेताओं को भी मौका दिया गया है। बीजेपी ने खासतौर पर उन सीटों पर भी रणनीतिक उम्मीदवार उतारे हैं, जहां पिछली बार पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।

नए चेहरों को मिला है मौका

तीसरी सूची में शामिल उम्मीदवारों में कई ऐसे नेता हैं जो पूर्व विधायक या सांसद रह चुके हैं, वहीं कुछ ऐसे नए चेहरे भी हैं जिन्हें पहली बार मौका दिया गया है। पार्टी ने महिला उम्मीदवारों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की यह रणनीति साफ तौर पर 2025 के विधानसभा चुनाव को फतह करने की मंशा को दर्शाती है। एनडीए की ओर से सीटों का बंटवारा पहले ही तय हो चुका है, जिसमें बीजेपी को 101, जदयू लोजपा (रामविलास) को , हम पार्टी को और रालोमो को इस बार सम्मान जनक सीटें मिली हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी का मुख्य लक्ष्य बिहार में स्थिर और विकासशील सरकार देना है। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। चुनाव प्रचार भी अब तेजी पकड़ने लगा है। पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा समेत तमाम वरिष्ठ नेता आगामी दिनों में बिहार में दर्जनों रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। दूसरी ओर विपक्षी दल भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा की प्रक्रिया में लगे हुए हैं, लेकिन अब तक उनकी सूची पूरी नहीं हो सकी है। बीजेपी की इस रणनीतिक चाल और समय से पहले उम्मीदवारों की घोषणा को देखकर स्पष्ट है कि पार्टी इस बार कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता का जनादेश किसके पक्ष में जाता है।