पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले भाजपा ने अपनी चुनावी सक्रियता तेज कर दी है। सीट बंटवारे और सभी 101 प्रत्याशियों के ऐलान के बाद अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 16 से 18 अक्टूबर तक तीन दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। पार्टी ने इस दौरे को बेहद अहम माना है, क्योंकि यह चुनाव प्रचार और नामांकन की प्रक्रिया के निर्णायक मोड़ पर हो रहा है।
जनसभा को करेंगे संबोधित
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि अमित शाह का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब राज्य में चुनावी हलचल तेज हो चुकी है और सभी पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर रही हैं। शाह अपने दौरे के दौरान एनडीए के उम्मीदवारों के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होंगे, साथ ही कई जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे।
संगठन को मजबूत करने की कोशिश
17 अक्टूबर को अमित शाह पार्टी के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान वे गठबंधन में शामिल सभी दलों जेडीयू, हम, और लोजपा (रामविलास) के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों का मकसद है सभी सहयोगी दलों के बीच समन्वय स्थापित करना और साझा रणनीति पर काम करना।
आक्रामक रणनीति अपना रही भाजपा
भाजपा इस बार चुनावी प्रचार में आक्रामक रणनीति अपना रही है। पार्टी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्टार प्रचारकों को बिहार में उतारने का निर्णय लिया है। अमित शाह का मकसद यह भी है कि उन जिलों में विशेष रणनीति बनाई जाए जहां पार्टी अपेक्षाकृत कमजोर है।
कैंडिडेट लिस्ट में चर्चित नाम शामिल
भाजपा ने 14 अक्टूबर को अपने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को तारापुर और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को लखीसराय से टिकट दिया गया है। पार्टी ने अब तक कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।वहीं, 15 अक्टूबर को पार्टी ने दूसरी सूची जारी की, जिसमें 12 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। खास बात यह रही कि इस लिस्ट में दो चर्चित चेहरों को जगह दी गई। लोकप्रिय लोक गायिका मैथिली ठाकुर को अलीनगर से टिकट दिया गया है। मैथिली ने 14 अक्टूबर को ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
राजनीतिक संकेत और संगठनात्मक संदेश
अमित शाह का बिहार दौरा केवल चुनावी रैली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को मजबूती देने और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का भी प्रयास है। उनकी मौजूदगी से पार्टी को एकजुटता का संदेश देने में मदद मिलेगी, साथ ही सहयोगी दलों के साथ तालमेल और बेहतर समन्वय की दिशा में भी यह दौरा अहम साबित हो सकता है।
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