लखनऊ। राजधानी लखनऊ के भटगांव स्थित ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण संयंत्र से 18 अक्टूबर को मिसाइलों की पहली खेप रवाना होगी। इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। 300 करोड़ की लागत से बने इस संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 100 ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की होगी, जिसे आगे बढ़ाकर 150 तक किया जाएगा।
300 करोड़ रुपये की लागत से बना केंद्र
यह कदम न केवल भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत बढ़ाएगा बल्कि रक्षा निर्यात और रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा। करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से बने इस केंद्र में अत्याधुनिक उत्पादन लाइनें, स्वचालित गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली और अत्याधुनिक परीक्षण उपकरण स्थापित किए गए हैं। भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
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बताया जा रहा है कि प्रारंभिक चरण में लखनऊ यूनिट से वार्षिक उत्पादन क्षमता 80 से 100 ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की होगी। जैसे ही संचालन स्थिर हो जाएगी। उसके बाद उत्पादन क्षमता 100 से बढ़ाकर 150 मिसाइलें प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा गया है। यह इकाई केवल भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नहीं बल्किवैश्विक बाजार में भारत की उपस्थिति मजबूत करने के लिए भी तैयार की गई है।
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