Jagannath Temple Food Delivery Controversy: पुरी. महाप्रसाद की पवित्रता की रक्षा के लिए, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने एक प्रमुख ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी के खिलाफ ‘अन्नप्रसाद’ बेचने के आरोप में साइबर शिकायत दर्ज कराई है.

मुख्य प्रशासक के आदेश पर कार्रवाई करते हुए, पुरी साइबर पुलिस स्टेशन में औपचारिक प्राथमिकी दर्ज की गई है. शिकायत में कहा गया है कि यह कदम महाप्रभु का “अपमान” और भक्तों के साथ “धोखाधड़ी” है.

Also Read This: मोहन माझी ने दी नवीन पटनायक को जन्मदिन की शुभकामनाएं, कहा- “भगवान जगन्नाथ दें लंबी उम्र”

Jagannath Temple Food Delivery Controversy

Jagannath Temple Food Delivery Controversy

पुरी श्रीमंदिर के सुरक्षा प्रशासक हेमंत कुमार पाढ़ी ने बताया कि ऐप के वायरल विज्ञापन में पुरी मंदिर के दृश्य दिखाए गए थे और दावा किया गया था कि केवल 49 रुपये में पवित्र कार्तिक माह के दौरान असली महाप्रभु जगन्नाथ का प्रसाद घर बैठे उपलब्ध होगा.

रिपोर्ट के अनुसार, ऐप ने ग्राहकों को लुभाने के लिए माँ तारिणी, बाबा अखंडलमणि और अन्य मंदिरों के प्रसाद का भी इस्तेमाल किया.

Also Read This: दिवाली डेट विवाद खत्म: मुक्ति मंडप ने दी घोषणा, इस दिन मनेगी रोशनी की रात

यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिससे देशभर के भक्तों में आक्रोश फैल गया. एसजेटीए ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित विज्ञापन को हटाने का आदेश दिया.

पाढ़ी ने कहा, “इस भ्रामक प्रचार में लोगों को ठगने के लिए श्रीमंदिर की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है. यह सरासर धोखाधड़ी है.” साइबर पुलिस ने मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

डिलीवरी कंपनी ने अब तक इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन ओडिशा के श्रद्धालु एकजुट हैं और उनका संदेश साफ है, “हमारे महाप्रसाद से दूर रहो.”

Jagannath Temple Food Delivery Controversy. जैसे-जैसे कार्तिक माह के उत्सव नजदीक आ रहे हैं, यह विवाद याद दिलाता है कि ईश्वरीय आशीर्वाद किसी डिस्काउंट ऑफर की तरह नहीं मिलते.

Also Read This: नुआपाड़ा चुनाव: कांग्रेस ने फिर खेला बड़ा दांव, घासीराम मांझी को बनाया उम्मीदवार