पटना। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर के बाद बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण को ध्यान में रखते हुए सक्रिय चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री मोदी की 12 से 15 चुनावी रैलियों की योजना बनाई है, जिनके जरिए वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में जनता को संबोधित करेंगे और एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में माहौल बनाएंगे।

इन जगहों पर हो सकती है पीएम की रैली

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की पहली रैली 20 अक्टूबर के बाद आयोजित की जा सकती है। प्रथम चरण के तहत मतदान वाले क्षेत्रों को ये रैली कवर करेगी। इस चरण में कई महत्वपूर्ण विधानसभा सीटें आती हैं, जहां एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।

बड़ी जन सभाओं का है प्लान

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक पीएम मोदी की चुनावी सभाओं की रणनीति इस प्रकार तैयार की जा रही है कि वे राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में संतुलन बना सकें। संभावित कार्यक्रमों में सहरसा और समस्तीपुर जैसे महत्वपूर्ण जिलों में उनकी बड़ी जनसभाएं हो सकती हैं। इन क्षेत्रों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों का जनाधार मजबूत माना जाता है, लेकिन विपक्षी महागठबंधन ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। ऐसे में प्रधानमंत्री की उपस्थिति से एनडीए को राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा औरंगाबाद और कोसी क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री की रैलियों की योजना बनाई जा रही है। कोसी क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को लेकर मतदाताओं की सोच काफी संवेदनशील रही है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इन सभाओं में विकास कार्यों, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और सबका साथ, सबका विकास जैसे नारों के साथ जनता को संबोधित करेंगे।

तैयारियां तेज कर दी

प्रधानमंत्री की रैलियों के मद्देनजर भाजपा ने राज्य में जमीनी तैयारियां तेज कर दी हैं। स्थानीय नेताओं जिला इकाइयों और सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं को सभा स्थल तैयारियों, भीड़ प्रबंधन और प्रचार-प्रसार के काम में लगाया गया है। पार्टी की कोशिश है कि पीएम मोदी की उपस्थिति को जनसंपर्क और जनआंदोलन में बदला जाए। पार्टी का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और उनकी चुनावी रणनीति बिहार में एक बार फिर एनडीए के पक्ष में माहौल बना सकती है। पिछली बार के चुनावों में भी पीएम मोदी की रैलियों का प्रभाव कई सीटों पर देखा गया था, और इस बार भी भाजपा यही रणनीति दोहराना चाहती है। गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की सक्रियता से राज्य की सियासी फिजा गर्म हो चुकी है। अब देखना होगा कि उनकी ये चुनावी सभाएं एनडीए को कितनी मजबूती दिला पाती हैं।