शब्बीर अहमद, भोपाल। कर्नाटक में आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने को लेकर मध्य प्रदेश में जमकर सियासत हो रही हैं। जहां एक ओर कांग्रेस ने कहा कि जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी तब सरदार वल्लभ भाई ने बैन लगाया था। कर्नाटक में भी वैसी ही परिस्थितियां है। वहीं इस पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी तब आरएसएस पर सरदार वल्लभ भाई ने बैन लगाया था। कर्नाटक में भी वैसी ही परिस्थितियां है लिहाजा, वहां के मंत्रिमंडल ने संघ शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों को शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। पीसी शर्मा ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी RSS की शाखाओं में जाता है तो वो प्रभावित होता है वो उस संगठन से जुड़ता है।

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बीजेपी ने कही ये बात

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि पहले भी इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर देख लिया। संघ राष्ट्र व्यापी सामाजिक संगठन हो चुका है, उस पर किसी भी प्रकार से बैन नहीं लग सकता है। प्रयोग कर के देख लें उनको असफलता हाथ लगेगी।

कर्नाटक में पाबंदी का प्रस्ताव

गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने सरकारी स्कूल और कॉलेज परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों को रोकने के लिए नियम लाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।

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प्रियंक खरगे ने की थी ये मांग

दरअसल, प्रियंक खरगे ने सीएम सिद्दारमैया से आग्रह किया था कि वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को RSS और ऐसे अन्य संगठनों के ओर से आयोजित कार्यक्रमों व गतिविधियों में भाग लेने से सख्ती से रोकें।

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