Bhai Dooj 2025: दिवाली उत्सव के पांचवें दिन मनाया जाने वाला भाई दूज पर्व इस बार 23 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा. दीपोत्सव के समापन पर आने वाला यह पर्व केवल प्रेम और स्नेह का प्रतीक नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी बेहद खास माना गया है.
दरअसल, भाई दूज के दिन चंद्रमा की स्थिति और उसका कर्म, मन तथा संबंधों पर प्रभाव इस पर्व को अद्भुत बना देता है. इस दिन बहनें यम द्वितीया कथा सुनकर तिलक करती हैं और भाइयों की दीर्घायु की कामना करती हैं. वहीं ज्योतिष कहता है कि जब चंद्रमा मन का प्रतिनिधि हो और तिलक भावनाओं का, तब भाई-बहन का बंधन केवल जन्म का नहीं, आत्मा का भी हो जाता है.
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Bhai Dooj 2025
नई ऊर्जा भरने का प्रतीक (Bhai Dooj 2025)
ज्योतिष के अनुसार, भाई दूज अमावस्या के बाद की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है, जब चंद्रमा अपनी शुक्ल अवस्था की शुरुआत कर रहा होता है. यह समय भावनात्मक पुनर्जागरण और रिश्तों में नई ऊर्जा भरने का प्रतीक है. चंद्रमा को मन और भावनाओं का कारक ग्रह कहा गया है, और इसी कारण बहन द्वारा तिलक लगाना केवल एक संस्कार नहीं, बल्कि भाई के मनोबल, आयु और आत्मबल को स्थिर करने का संकेत है.
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चंद्रमा कमजोर हो तो कराए तिलक
कहा जाता है कि जिस भाई की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उसे इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाना शुभ रहता है. यह न केवल मानसिक संतुलन प्रदान करता है, बल्कि सौभाग्य भी बढ़ाता है. बहन का तिलक चंद्र शक्ति का प्रतीक है, जो भाई के जीवन में शांति और समृद्धि लाने वाला माना गया है.
भाई दूज 2025 का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2025)
- तिथि प्रारंभ: 23 अक्टूबर, रात 11:56 बजे
- तिथि समाप्त: 24 अक्टूबर, रात 10:48 बजे
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