दानापुर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन का शुक्रवार को अंतिम दिन था, लेकिन दानापुर विधानसभा सीट पर चुनावी तस्वीर बेहद नाटकीय और उलझनभरी रही। जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी अखिलेश कुमार नामांकन से ठीक पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए जिससे राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया।जानकारी के अनुसार अखिलेश कुमार शुक्रवार सुबह 10:30 बजे अपने कुछ सहयोगियों के साथ राजवंशी नगर स्थित महावीर मंदिर में पूजा करने निकले थे। पूजा के बाद से ही उनका कोई अता-पता नहीं है। उनका मोबाइल फोन भी बंद है, और वे समर्थकों के संपर्क में नहीं आ सके।

कोई सफतला नहीं मिली

इस बीच जन सुराज पार्टी के समर्थक दानापुर के तकियापर स्थित एक कम्युनिटी हॉल में घंटों तक उनका इंतजार करते रहे। जिस फूलों से सजी गाड़ी में वे नामांकन के लिए रवाना होने वाले थे उसी गाड़ी से समर्थकों ने उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

जन सुराज ने किया अपहरण का दावा

अखिलेश के गायब होने के कुछ देर बाद जन सुराज पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को व्हाट्सऐप पर एक संदेश भेजा जिसमें बताया गया कि उनके प्रत्याशी अखिलेश कुमार अचानक लापता हो गए हैं। पार्टी ने उनके अपहरण की आशंका भी जताई है हालांकि पुलिस में अब तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

कुछ करीबी लोगों के संपर्क में हैं

सूत्रों के अनुसार अखिलेश कुमार फिलहाल अपने कुछ करीबी लोगों के संपर्क में हैं, लेकिन वे घर नहीं लौटे हैं। पार्टी और समर्थकों में इस घटना को लेकर नाराजगी और बेचैनी है।

BJP से ऑफर की अटकलें

इस पूरे घटनाक्रम के बीच खबर यह भी सामने आई कि अखिलेश कुमार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से विधान परिषद (MLC) बनने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जन सुराज के कई स्थानीय नेताओं ने इसे विश्वासघात बताया है।

समाज को कलंकित कर दिया

दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष प्रतिनिधि और वैश्य समाज के नेता राजनाथ उर्फ राजू जायसवाल ने कहा कि अखिलेश कुमार ने व्यक्तिगत लाभ के लिए पूरे समाज को धोखा दिया है। उन्होंने कहा हमने पूरे वैश्य समाज को एकजुट कर बीजेपी के खिलाफ इन्हें खड़ा किया था, लेकिन इन्होंने समाज को कलंकित कर दिया।

जन सुराज की दूसरी कोशिश भी नाकाम

अखिलेश कुमार के गायब होने के बाद जन सुराज पार्टी ने तुरत-फुरत में भाजपा की पूर्व नेता आशा सिन्हा को अपना नया प्रत्याशी घोषित किया। आशा सिन्हा बीजेपी में रही हैं, लेकिन टिकट कटने के बाद उन्होंने जन सुराज का दामन थाम लिया था। उन्होंने अखिलेश की जगह नामांकन दाखिल करने की कोशिश की, लेकिन दस्तावेजों में त्रुटि के चलते उनका नामांकन भी रद्द हो गया।

अब सीधी टक्कर BJP बनाम RJD

जन सुराज की दोनों संभावनाएं विफल होने के बाद अब दानापुर सीट पर मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच ही सिमट गया है। BJP ने इस सीट से पूर्व सांसद रामकृपाल यादव को मैदान में उतारा है, जबकि RJD ने रीतलाल यादव को दोबारा टिकट दिया है। रीतलाल यादव फिलहाल जेल में बंद हैं, लेकिन उन्होंने 16 अक्टूबर को जेल से बाहर आकर नामांकन दाखिल किया था।