आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. छत्तीसगढ़ में आज नक्सलियों का ऐतिहासिक सरेंडर हुआ। जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा के सामने 210 माओवादियों ने सरेंडर किया, जिन पर 9 करोड़ 18 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सबसे ज्यादा केंद्रीय समिति सदस्य रूपेश उर्फ सतीश के ऊपर 4 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। सभी आत्मसमर्पित माओवादी उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ इलाके में सक्रिय थे।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर बस्तर डिवीजन प्रभारी भास्कर उर्फ राजमन मांडवी, उत्तर बस्तर डिवीजन सचिव राजू सलाम, माड़ डिवीजन सचिव रनीता, दंडकारण स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य धन्नू वेत्ती उर्फ संतू, और RCM रतन एलम के ऊपर 25-25 लाख रुपए का इनाम का घोषित था। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अपने साथ 19 एके 47, 23 इंसास राइफल सहित कुल 153 हथियार अपने साथ लेकर आए थे।

जानिए कौन है 4 करोड़ के इनाम नक्सली रहे रुपेश
देश के इतिहास में अब तक के सबसे नक्सली समर्पण में एक शख्स का नाम सबसे ऊपर है, उसका नाम ताक्कलपल्ली वासुदेव राव उर्फ रूपेश है. माओवादियों के ‘बम निर्माता’ रूपेश ने 2 दिसंबर, 2000 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर हुए हमले की साजिश रची थी. तेलंगाना के मुगुलु निवासी 59 वर्षीय रूपेश आखिरी बार छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके से सक्रिय था. उसके साथ आत्मसमर्पण करने वाले विद्रोहियों में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेजेडसी) की माड़ संभाग प्रभारी रनिता भी शामिल है. रूपेश ने न केवल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर हुए हमले की साजिश रची थी. बल्कि माना जाता है कि वह 1999 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश के गृह मंत्री ए. माधव रेड्डी और युवा आईपीएस अधिकारी उमेश चंद्रा की हत्याओं में भी शामिल था.
जानिए किन-किन पर कितना इनाम घोषित था –





