दिल्ली में अब वाहन चालकों को पार्किंग के लिए मनमाना शुल्क नहीं देना पड़ेगा। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अंडरग्राउंड और सरफेस पार्किंग में धोखाधड़ी को रोकने के लिए QR-आधारित पेमेंट सिस्टम शुरू किया है। यह सुविधा शुक्रवार को रामलीला मैदान में पायलट आधार पर शुरू की गई। अब एमसीडी की पार्किंग में वाहन चालकों को ऐप के जरिए पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी। सिस्टम के तहत गाड़ियों की एंट्री और एग्जिट भी डिजिटली रिकॉर्ड होगी। इससे नगर निगम की पार्किंग में ठेकेदार मनमाने तरीके से शुल्क वसूल नहीं पाएंगे, और नागरिकों को सुविधाजनक और पारदर्शी पार्किंग अनुभव मिलेगा।

एमसीडी के अधिकारी ने बताया कि निगम को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें कहा गया था कि कई पार्किंग ठेकेदार पार्किंग रेट से ज्यादा शुल्क वसूल कर रहे हैं। इस परेशानी को खत्म करने के लिए स्पेशल मोबाइल ऐप तैयार किया गया है।

कैसे काम करेगा पार्किंग ऐप?

एमसीडी अधिकारियों के अनुसार, यह ऐप उपयोग में काफी आसान है। इसके जरिए वाहन चालक पार्किंग शुल्क का भुगतान और बिल प्राप्त कर सकेंगे। निगम ने पार्किंग एरिया के बाहर QR स्कैनर लगाए हैं। पार्किंग में प्रवेश के समय, वाहन चालक को मोबाइल से QR कोड स्कैन करना होगा, जिससे एंट्री टाइम ऐप में दर्ज हो जाएगा। पार्किंग से बाहर निकलते समय QR को दोबारा स्कैन करना होगा, जिससे शुल्क स्वतः निर्धारित होगा। इससे निगम की पार्किंग में ठेकेदार मनमाने तरीके से शुल्क वसूल नहीं पाएंगे, और नागरिकों को सुविधाजनक, पारदर्शी और डिजिटल पार्किंग अनुभव मिलेगा।

एमसीडी अधिकारियों के अनुसार, वाहन चालक अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से पार्किंग शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। पेमेंट के बाद उन्हें डिजिटल रसीद भी मिलेगी। एमसीडी ने बताया कि यह योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रामलीला मैदान से शुरू की गई है। इससे निगम की पार्किंग में ठेकेदार मनमाने तरीके से शुल्क वसूल नहीं पाएंगे और नागरिकों को सुविधाजनक, पारदर्शी और डिजिटल पार्किंग अनुभव मिलेगा।

15 दिन तक चलेगा पायलट प्रोजेक्ट

जानकारी के अनुसार, इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है, जो 15 दिन तक चलेगा। इसके बाद योजना में आने वाली बाधाओं और कमियों को दूर किया जाएगा, जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी एमसीडी पार्किंग में इसे लागू किया जाएगा।

ठेकेदारों पर होगी कार्रवाई

एमसीडी ने नियमों के पालन के लिए प्रावधान भी बनाया है। इसके तहत निगम द्वारा दिया गया QR कोड लगाना अनिवार्य होगा। अगर कोई ठेकेदार QR कोड से छेड़छाड़ करता है, तो उसका ठेका रद्द कर दिया जाएगा। इस कदम से निगम की पार्किंग में ठेकेदार मनमाने तरीके से शुल्क वसूल नहीं पाएंगे, और नागरिकों को सुविधाजनक, पारदर्शी और डिजिटल पार्किंग अनुभव मिलेगा।

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